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मोरेना

मंत्री आपस में लड़ रहे, मुख्यमंत्री की कोई सुन नहीं रहा

कमलनाथ सरकार पर तबादला उद्योग चलाने का आरोप
 

मोरेनाSep 11, 2019 / 11:33 pm

राहुल गंगवार

Ghantanad movement

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मुरैना. नौ माह के कार्यकाल में ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार विफल हो चुकी है। मंत्री-विधायक आपस में लड़ रहे, सीएम की कोई सुन नहीं रहा है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। अंतर्कलह में फंसी सरकार ज्यादा दिन की मेहमान नहीं है। मप्र शासन के पूर्व मंत्री व भाजपा नेता उमाशंकर गुप्ता ने बुधवार को कलेक्ट्रेट के बाहर भाजपा के घंटानाद आंदोलन में बतौर मुख्य वक्ता यह आरोप लगाए। आंदोलन को जिलाध्यक्ष केदार यादव, पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार व शिवमंगल सिंह तोमर ने भी संबोधित किया।
गुप्ता ने आरोप लगाया, प्रदेश में तबादला उद्योग चल रहा है। मंत्री और विधायक एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। मंत्री आपस में लड़ रहे हैं। भाजपा सरकार में कहीं प्राकृतिक आपदा होती थी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खेतों में और जनता के बीच पहुंच जाते थे। आज अफसर भी अपने चैंबरों में बैठ गए हैं। अफसर भी समझ लें, यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली। ये खुद लड़-झगडकऱ गिरने वाले हैं। संभल जाओ, ठीक से काम करो, जनता को परेशान मत करो। किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ, कन्यादान योजना की राशि नहीं मिल रही, तीर्थदर्शन योजना बंद कर दी है। गुप्ता ने चेतावनी दी कि अगर मप्र में यही माहौल रहा, जनता की नहीं सुनी, हाहाकार मचा तो अराजकता फैल जाएगी और फिर मप्र भी कमलनाथ के हाथ से निकल जाएगा। गुप्ता ने कहा कि कमलनाथ कहते हैं कि खजाना खाली है। हमें भी 2003 में खजाना खाली मिला था, लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने अच्छी सरकार चलाई और लोगों के कल्याण के लिए काम किया।

…तो सोनिया को बना दो पीसीसी अध्यक्ष
गुप्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता की कांग्रेस सरकार को चिंता नहीं है। चिंता है तो प्रदेश अध्यक्ष की। कोई सिंधिया को अध्यक्ष बनवाना चाहता है तो कोई दिग्विजय सिंह को। किसी को भी अध्यक्ष बनाओ पर जनता की तो सुनो। यदि कोई नहीं मिल रहा है तो सोनिया को ही अध्यक्ष बना दो। हमने पूरे नौ माह दिए सरकार को, लेकिन जब जनता परेशान होने लगी तो सडक़ों पर आना पड़ा।

ननि से रैली निकालकर पहुंचे कलेक्ट्रेट
भाजपा कार्यकर्ता तय कार्यक्रम के तहत ननि कार्यालय परिसर में एकत्र हुए और 12 बजे के बाद कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुए। हालांकि मुख्य अतिथि गुप्ता का यहीं इंतजार किया जा रहा था, लेकिन वे नहीं पहुंच पाए तो रैली रवाना की गई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने रास्ते में सडक़ पर बैठकर भी प्रदर्शन किया। भाजपा ने मप्र सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार, लोकहित की योजनाएं बंद करने और बदहाल कानून व्यवस्था के आरोप लगाए। कलेक्ट्रेट पर सुरक्षा कारणों से एएसपी सहित पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात था।

यह रहे शामिल
आंदोलन में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह, मुंशीलाल, महापौर अशोक अर्गल, पूर्व मंत्री जिला उपाध्यक्ष उदयवीर सिकरवार, योगेशपाल गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष नागेंद्र तिवारी, जया चतुर्वेदी, महिला मोर्चा अध्यक्ष कंचन चौहान, डॉ मनु शर्मा, प्रेमकांत शर्मा, बृजकिशोर डंडोतिया, मधु डंडोतिया, किसान मोर्चा अध्यक्ष राजेश शर्मा, युवा मोर्चाअध्यक्ष मयंक शर्मा, संजय शर्मा, केशव तोमर आदि शामिल रहे।

कार्यकर्ताओं पर भडक़े जिलाध्यक्ष
आंदोलन के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष केदार सिंह यादव कार्यकर्ताओं पर नाराज हो गए। बताया गया है कि मुख्य अतिथि को ननि से ही रैली में शामिल होना था, लेकिन कार्यकर्ता रैली लेकर रवाना हो गए। जबकि अध्यक्ष मुख्य अतिथि का इंतजार करते रहे। बाद में बीच रास्ते में रैली रोककर अध्यक्ष ने नाराजी जाहिर की।
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