मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के बीहड़ में पले-बढ़े और 12वीं में फेल होने के बावजूद हार नहीं मानने वाले मनोज शर्मा के संघर्ष की कहानी पर बनी फिल्म की चर्चा हर दिन हो रही है। इसे काफी पसंद किया जा रहा है। मनोज शर्मा की जिंदगी पर बनी यह फिल्म सभी को प्रेरणा देती है। मुंबई पुलिस में हाल ही में निकली लिस्ट में मनोज शर्मा डीआईजी से पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) बनाए गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मनोज शर्मा ने इसकी जानकारी देते हुए लिखा है हार्दिक आभार।
Filmfare Awards: 12वीं फेल को मिले 5 अवार्ड, एमपी के युवक के संघर्ष की है असली कहानी
मध्यप्रदेश के चंबल से शुरू होने वाली यह कहानी आज दुनियाभर में चर्चित हो गई है। इस फिल्म में हीरो यहां अपने ईमानदार पिता की नौकरी जाने और स्थानीय नेता की ओर से उसके और भाई की आजीविका छीन लेने पर बंदूक नहीं उठाता, बल्कि वह ईमानदार पुलिस आफिसर (प्रियांशु चटर्जी) से प्रेरणा लेता है। वो इन हालातों से उबरने के लिए ठान लेता है कि वो दिल्ली जाकर पढ़ेगा और पुलिस का बड़ा आफिसर बनेगा। हालांकि इस कहानी में लव स्टोरी और दोस्त की भी अहम भूमिका थी, जिसे पर्दे पर बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया। फिल्म के लेखक और निर्देशक आपको दिल्ली में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों के संघर्ष और उनके सपने टूटने या पूरे होते दिखाते हैं।
फिल्म जिस व्यक्ति पर बनी है, उनका नाम है मनोज कुमार शर्मा। फिल्म में विक्रांत मैसी ने इनकी भूमिका निभाई है। मनोज ने किस तरह से असली जिंदगी में दिन गुजारे, यहां तक कि 12वीं में फेल हुए। चेंपो चलाया, रात दिन आटा चक्की में काम किया, कई संघर्षों के बीच सिर्फ पढ़ाई में भी जुट जाना। यह बताता है कि इस असली हीरों ने कितना संघर्ष किया और आज इस मुकाम पर पहुंचा है। इसके साथ ही साथ पढ़ने वाली टॉपर श्रद्धा जोशी को प्रपोज करने और असल जिंदगी में आने तक का सफर बड़े ही अच्छे ढंग से फिल्माया गया है।