31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Filmfare Awards: 12वीं फेल को मिले 5 अवार्ड, एमपी के युवक के संघर्ष की है असली कहानी

12th Fail- मध्यप्रदेश के बीहड़ों में पले बढ़े 12वीं फेल युवक की कहानी आज दुनियाभर में चर्चा का केंद्र बन गई...। प्रेरणादायी इस कहानी से सभी को प्रेरणा लेना चाहिए...।

3 min read
Google source verification

भोपाल

image

Manish Geete

Jan 30, 2024

12th-fail.png

Filmfare Awards 2024- मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव के युवक के संघर्ष की कहानी है 12वीं फेल। इस फिल्म ने ज्यूरी को बहुत इम्प्रेस किया। और इस फिल्म को 5 अलग-अलग अवार्ड मिले हैं। इसके कलाकार विक्रांत मैसी को बेस्ट एक्टर का क्रिटिक च्वाइस अवार्ड मिला है। साथ ही इसके फिल्म मेकर विधु विनोद चोपड़ा को भी बेस्ट डायरेक्टर के लिए चुना गया है।

पिछले साल आई फिल्मों के लिए फिल्म फेयर अवार्ट्स 2023 में विक्रांत मैी स्टारर 12वीं फेल फिल्म का जमकर जलवा कायम रहा। इस फिल्म को 5 अवार्ट मिले हैं। बेस्ट फिल्म 12वीं फेल रही। इसी फिल्म के निर्माता बेस्ट डायरेक्टर विधु विनोद चौपड़ा रहे। बेस्ट (एक्टर क्रिटिक्स) विक्रांत मैसी रहे। इसके साथ ही विधु विनोद चोपड़ा को 12वीं फेल के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवार्ड भी मिला। इसके साथ ही बेस्ट एडिटिंग का अवार्र्ड भी विधु विनोद चौपड़ा को 12वीं फेल के जरिए ही मिला है।

बायोपिक है 12वीं फेल

12वीं फेल आइपीएस अनुराग पाठक की कहानी है। जो उनकी इसी नाम की बेस्ट सेलर किताब पर आधारित है। इसमें अपने बीहड़ों में पलने वाले बागियों के लिए चर्चित चंबल इलाके का 12वीं में फेल होने वाला लड़का किस तरह दिल्ली आकर यूपीएससी के लिए संघर्ष करता है, कठिन दिन गुजारता है और एक दिन पुलिस का बड़ा अधिकारी बन जाता है। विधु विनोद चौपड़ा की यह फिल्म उन्हीं के बैनर तले बनी है। यह फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस और थ्री इडियट्स जैसी फिल्मों की तरह ही देश में शिक्षा और उसे लेकर लोगों की सोच और व्यवस्था पर बात करती है।

मध्यप्रदेश के चंबल से शुरू होने वाली यह कहानी आज दुनियाभर में चर्चित हो गई है। इस फिल्म में हीरो यहां अपने ईमानदार पिता की नौकरी जाने और स्थानीय नेता की ओर से उसके और भाई की आजीविका छीन लेने पर बंदूक नहीं उठाता, बल्कि वह ईमानदार पुलिस आफिसर (प्रियांशु चटर्जी) से प्रेरणा लेता है। वो इन हालातों से उबरने के लिए ठान लेता है कि वो दिल्ली जाकर पढ़ेगा और पुलिस का बड़ा आफिसर बनेगा। हालांकि इस कहानी में लव स्टोरी और दोस्त की भी अहम भूमिका थी, जिसे पर्दे पर बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया। फिल्म के लेखक और निर्देशक आपको दिल्ली में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों के संघर्ष और उनके सपने टूटने या पूरे होते दिखाते हैं।

यह हैं असली हीरो

फिल्म जिस व्यक्ति पर बनी है, उनका नाम है मनोज कुमार शर्मा। फिल्म में विक्रांत मैसी ने इनकी भूमिका निभाई है। मनोज ने किस तरह से असली जिंदगी में दिन गुजारे, यहां तक कि 12वीं में फेल हुए। चेंपो चलाया, रात दिन आटा चक्की में काम किया, कई संघर्षों के बीच सिर्फ पढ़ाई में भी जुट जाना। यह बताता है कि इस असली हीरों ने कितना संघर्ष किया और आज इस मुकाम पर पहुंचा है। इसके साथ ही साथ पढ़ने वाली टॉपर श्रद्धा जोशी को प्रपोज करने और असल जिंदगी में आने तक का सफर बड़े ही अच्छे ढंग से फिल्माया गया है।

अवार्ड देखकर खुश हुए आइपीएस मनोज

इधर, 12वीं फेल फिल्म के कलाकार विक्रांत मैसी अवार्ड लेने के बाद आइपीएस आफिसर मनोज कुमार शर्मा से मिलने पहुंचे। उनसे सुखद मुलाकात की। दोनों ने एक दूसरे को बधाई दी। इसके बाद मनोज शर्मा ने ट्वीट पर लिखा है कि जब एक मनोज दूसरे मनोज को अपनी फिल्म फेयर ट्राफी दिखाने लाता है, तब उस पर और भी प्यार आता है।