मुरैना. तहसील मुख्यालय कैलारस का गांव शेखपुर, जहां 400 साल से होली के दूसरे दिन अनूठी परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है। इस बार भी गांव की बहन-बेटियों ने 16 श्रंगार कर पूरे गांव का भ्रमण किया और हर घर पर दस्तक देकर सामाजिक समरता का संदेश दिया। इस दौरान गांव में नाल उठाने की प्रतियोगिता भी हुई, जिसमें अंचल सहित आसपास प्रांतों के पहलवानों ने अपनी जोर-आजमाइश दिखाई। कैलारस तहसील के शेखपुर गांव में 400 वर्षों से होली का पर्व अनोखी परपंरा के साथ मनाया जाता है । होलिका दहन के दूसरे-तीसरे दिन गांव की पुरुष व महिलाएं गांव में घर-घर फेरी लगाकर एक-दूसरे को गुलाल लगाकर रंगों के त्योहार होली की शुभकामनाएं देते हैं। बुधवार को सुबह गांव के पुरूष प्रभात फेरी निकालकर घर-घर मेल मिलाप करने पहुंचे। वहीं शाम को गांव की एक- एक महिला 16 श्रंगार कर तैयार हुईं और उन्होंने पूरे गांव की परिक्रमा कर हर घर पर जाकर दस्तक दी। इस परपंरा का निर्वहन शेखपुर गांव के लोग संत विजयानंद का आशीर्वाद मानकर निर्वहन करते आ रहे हैं। दूर-दराज के गांव से लोग देखने आते हैं होली की अनूठी परंपरा गांव के बुजुर्ग रूपसिंह त्यागी बताते हैं कि संत विजयानंद का आशीर्वाद मानते हुए सभी गांववासी अपनी बहन-बेटियों व मान्य-धान्य को उत्साह के साथ आमंत्रित करते हैं। इससे नई पीढ़ी को अपने सभी रिश्तेदारों, परिजन की जानकारी व भेंट करने का अवसर मिलता है। वहीं दूर-दराज क्षेत्र के लोग इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए गांव में आते हैं। गांव के ही टीकाराम शर्मा बताते हैं कि इस गांव में सदियों से ओलावृष्टि नहीं हुई। ऐसी किवदंती है कि गंगा स्नान के दौरान हरिद्वार में हर की पोड़ी से ही संत विजयानंद ने गांव में गिरने वाले ओले एक ही खेत में समेट दिए थे।