जबलपुर। सनी देओल अपनी नई फिल्म घायल वन्स अगेन के साथ 5 फरवरी शुक्रवार को सिनेमा हॉल की स्क्रीन में नजर आएंगे। काफी समय बाद सनी अपनी धमाकेदार एंट्री कर रहे हैं। अपनी दमदार छबि के लिए मशहूर सनी ने घायल फिल्म से खूब प्रसिद्धि हासिल की थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। एंग्री मेन सनी के मसल्स यूथ के बीच खासे पसंद किए जाते हैं। ऐसे में हम याद दिला रहे हैं सनी देओल के ऐसे घांसू डायलॉग जो कई सालों से अब भी शहर के युवाओं और सनी के फैंस की जुबान पर बने हुए हैं-
घायल (1990)
-आने वाले चौबीस घंटों में तुम्हारे चौबीस टुकड़े करके, हर टुकड़े का अलग-अलग अंतिम संस्कार करूंगा।
-जख मारती है पुलिस, उतारकर फेंक दो ये वर्दीं और पहन लो बलवंत राय का पट्टा अपने गले में...।
-जाकर दुम हिलाना उनके सामने, तलवे चाटना, बोटियां फेकेंगे बोटियां... बलवंत राय के कुत्तों।
दामिनी (1993)
-तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख मिलती रही है। लेकिन इंसाफ नहीं मिला माय लॉड, इंसाफ नहीं मिला, मिली है तो सिर्फ ये तारीख...।
-जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पर पड़ता है ना... तो आदमी उठता नहीं... उठ जाता है।
-चिलाओ मत नहीं तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा, ना तारीख...ना सुनवाई सीधा इंसाफ वो भी ताबड़तोड़।
ये भी रहे फेमस
-मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दो(घातक)
-ये मजदूर का हाथ है लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है। (घातक)
-इन हाथों ने सिर्फ हथियार छोड़े हैं, चलाना नहीं भूले।(जीत)
-हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा(गदर)
-एक कागज पर मोहर नहीं लगेगी तो क्या दारा पाकिस्तान नहीं जाएगा (गदर)
-अगर मैं अपनी बीवी बच्चों के लिए सिर झुका सकता हूं तो मैं सबके सिर काट भी सकता हूं (गदर)
-बली हमेशा बक रे की दी जाती है शेर की नहीं(सिंह साहेब द ग्रेट)