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सुरक्षा में लापरवाही… पुल से टकराया पानी, फिर भी लोगों की रही आवाजाही

12 घंटे में 3.5 इंच बारिश... चंबल का पानी चामुंडा माता मंदिर तक पहुंचा

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नागदा. शहर में शनिवार रात से जारी बारिश के चलते चंबल नदी उफान पर है। चामुंडा माता मंदिर का ओटला डूब चुका है। विडम्बना यह है कि चंबल नदी का पानी चामुंडा माता ओटले तक पहुंच गया है। नदी का पानी तेज गति से बह रहा है, लेकिन श्रद्धालु मंदिर के दर्शन करने पहुंच रहे है। कयास लगाए जा रहे है कि यदि इस प्रकार लगातार बारिश का दौर जारी रहा तो दो एक दिन में माता मंदिर पुन: डूब जाएगा। इस मानसून सीजन में माता मंदिर तीन बार जलमग्न हो चुका है। संभवत: यह पहला मौका है कि माता मंदिर एक ही मानसून सीजन में तीन बार जलमग्न हुआ हो। इधर प्रशासन की लापरवाही जारी है। नदी के उफान पर होने के बावजूद मौके पर किसी प्रकार के पुलिस जवानों की तैनाती नहीं की गई। सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण शहवासी पूरा दिन छोटी रपट के ऊपर जाकर माता मंदिर के दर्शन करते रहे। परेशानी यह है कि यदि का जलस्तर एकाएक बढ़ा तो सैकड़ों लोगों की जान का जिम्मेदार कौन होगा। श्रद्धालुओं की आमद को देखते हुए मंदिर पर मौजूद फूल व प्रसादी दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों को मंदिर की छोटी पुलिया पर यथावत रखा।
बीती रात से जारी बारिश ने दोबारा चंबल नदी के सभी डैमों को लबालब कर दिया है। शनिवार-रविवार दरमियानी रात से शुरु हुई बारिश रविवार शाम तक जारी रही। बीते 12 घंटों की बात करें तो शहर में 3.5 इंच बारिश दर्ज हुई है, वहीं अब तक कुछ 56.14 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। बता दें कि शहर में औसत बारिश का आंकड़ा 36 इंच है, लेकिन इस बार कयास लगाए जा रहे है कि बारिश का आंकड़ा 60 इंच के पार पहुंचेगा। रविवार दोपहर तक हनुमान पाले का पानी चामुंडा माता मंदिर के ओटले तक पहुंच गया। इधर शहर में दिनभर बारिश होती रही। इस दौरान अभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश होती रही।
पानी निकासी के लिए उखाड़ी सोयाबीन
लगतार जारी बारिश के चलते सोयाबीन फसलें पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। बारिश के चलते किसानों को सोयाबीन फसलों को लेकर इल्लियां व अफलन की स्थिति से जुझना पड़ रहा है। खेतों में हुए जलभराव के कारण किसान फसलों को उखाड़ कर फेंकते हुए पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण कर रहे है। हालात यह है कि, पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं निकलने से सोयाबीन फसलें पीली पडऩे लगी है।