रहमान अपनी बहन की जिंदगी के लिए दुआ मांगने हर जगह गए फिर चाहे वो मंदिर हो, मस्जिद हो या फिर चर्च। जहां सबने उम्मीदें छोड़ दी थी वहीं रहमान का ऊपर वाले पर भरोसा अब भी बाकी था। आखिरकार रहमान का विश्वास और उनकी दुआ रंग लाई, जैसे एक चमत्कार हुआ और उनकी बहन एकदम स्वस्थ्य हो गई। यही वो पल था जिसने ए आर रहमान की पहचान को ही बदल दिया। इस चमत्कार से रहमान इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने और उनके परिवार ने इस्लाम कुबूल लिया और तभी से दिलीप कुमार बन गया अल्लाह रखा रहमान...