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मुंबई

Maharashtra Political Crisis: क्या फ्लोर टेस्ट में बच पाएगी MVA सरकार! यहां समझे पूरा गणित

एकनाथ शिंदे और बाकी बागी विधायक का कहना हैं कि उद्धव सरकार एनसीपी और कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाए। एकनाथ शिंदे भी कई बार कह चुके हैं कि वो हिंदुत्व का साथ नहीं छोड़ेंगे। उनका मानना है कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने से शिवसेना की कट्टर हिंदुत्व वाली इमेज पर काफी बुरा असर पड़ा है।

मुंबईJun 25, 2022 / 03:23 pm

Siddharth

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महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से हाईवोल्टेज सियासी ड्रामा जारी हैं। बयानों के जरिए जारी सियासी लड़ाई अब सदन के फ्लोर टेस्ट की ओर बढ़ती नजर आ रही है। आज शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा दिया है कि फ्लोर टेस्ट में सबको पता चल जाएगा कि किसमें कितना दम है. दूसरी तरफ, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कह दिया है कि सदन के फ्लोर पर शक्ति परीक्षण द्वारा ही तय होगा कि बहुमत किसके पक्ष में है।
संजय राउत ने बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि कोई पैसे के दम पर पार्टी को नहीं खरीद सकता हैं और न ही उसे हाईजैक नहीं कर सकता है। संजय राउत ने आगे कहा कि बागी विधायक पहले अपनी सदस्यता बचाए। बागी नेता एकनाथ शिंदे की ओर से आज 38 विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी जारी कर एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 38 विधायकों का समर्थन खो चुके हैं।
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क्या होता है फ्लोर टेस्ट: फ्लोर टेस्ट से यह पता चलता है कि वर्तमान सरकार के पास बहुमत हैं या नहीं। जब राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा की बैठक आहूत करता है तो मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करना पड़ता हैं. फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित ना कर पाने पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ता है।
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में वर्तमान में कुल 287 विधायक है। ऐसे में बहुमत बनाने के लिए 144 विधायकों का समर्थन जरूरी है। शिवसेना के कुल 55 विधायक है। वहीं महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस के 44 विधायक है। इसके अलावा सपा के 2, पीजपी के 2, बीवीए के 3, एआईएमआईएम के 2, सीपीआई का एक,एमएनस विधायक है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के पास 169 विधायकों का समर्थन था। लेकिन शिवसेना 42 विधायकों का समर्थन खोने के बाद अल्पमत में आ चुकी है।
दूसरी तरफ, विपक्षी दल बीजेपी के पास अपने विधायकों की संख्या 106 है। इसके साथ आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक पहले से बीजेपी के साथ है। अगर शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे अपने 42 विधायकों के साथ बीजेपी को सरकार बनाने में समर्थन देते हैं तो बीजेपी अपनी सरकार बना सकती है। बता दें कि एकनाथ शिंदे बाकी बागी विधायकों के साथ पार्टी में आने से मना करते हुए इस्तीफा दे देते हैं तो इन बागी विधायकों को बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव लड़ना होगा।

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