प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ठाणे में मांझे से गला कटने से रविवार रात 47 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। पीड़ित बाइक पर भिवंडी रोड पर बालासाहेब ठाकरे पुल से गुजर रहा था। मृतक संजय हजारे उल्हासनगर (Ulhasnagar) में अपनी पत्नी और तीन साल के बेटे के साथ रहता था। वह मकर संक्रांति के दिन काम पर से घर लौट रहा था। पुलिस के अनुसार, हजारे कल्याण की ओर जाने वाले नवनिर्मित पुल पर अपनी मोटरसाइकिल से जा रहे थे। तभी बाइक के सामने आए पतंग के मांझे से उनके गले में गंभीर जख्म हो गया।
पुलिस ने कहा, “संजय हजारे को वहां से गुजर रहे लोगों ने पुल पर खून से लथपथ पड़ा पाया और स्थानीय पुलिस को हादसे की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल (आईजीएम) ले गई, जहां भर्ती करने से पहले ही संजय को मृत घोषित कर दिया गया।”
पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है कि हजारे की मौत पतंग के धागे (मांझे) से चोट लगने और ज्यादा खून बहने से हुई। भिवंडी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने लोगों से अपील की हैं कि अगर कोई कांच के कोस्टिंग वाला मांझा बेच रहा है या उपयोग कर रहा है, तो इसकी सूचना पुलिस को दें, क्योकि इससे गंभीर चोट लग सकती है।
भिवंडी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक चेतन काकड़े ने कहा, ‘हमने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया है। जांच जारी है और हम जल्द ही इसमें शामिल लोगों की पहचान करेंगे।
11 साल के बच्चे का कटा गला
ऐसा ही दुखद घटना नागपुर में भी हुई है। यहां के जरीपटका इलाके (Jaripatka) में रविवार को पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाले प्रतिबंधित नायलॉन मांझे से गला काटने से एक 11 साल के बच्चे की मौत हो गई। मृतक की पहचान जरीपटका निवासी वेद कृष्ण साहू के तौर पर हुई है। वेद कक्षा पांच का छात्र था।
पुलिस के अनुसार, वेद अपने पिता के साथ बाइक से जा रहा था, तभी नायलॉन मांझा ने उसका गला काट दिया। वेद के गले में गहरा घाव हो गया। वेद को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मासूम ने दम तोड़ दिया। जरीपटका पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।