बीएमसी ने दोनों ही गुटों की शिवाजी पार्क में रैली करने की इजाजत नहीं दी। जिसके बाद में यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में पहुंचा था, जहां फैसला उद्धव गुट के पक्ष में आया था। महाविकास अघाड़ी गठबंधन को प्रकृति के खिलाफ बनाकर शिवसेना के एक गुट ने बगावत कर दी थी। इस खेमे का नेतृत्व शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे कर रहे थे।
शिवसेना के बगावत करने के बाद बीजेपी ने एकनाथ शिंदे गुट के साथ मिलकर महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई। इसके बाद शिंदे खेमे ने खुद को असली शिवसेना बताते हुए शिवाजी पार्क में परंपरागत दशहरा रैली के लिए दावा ठोका था। दोनों गुटों ने इसके लिए बीएमसी से इजाजत भी मांगी। बाद में यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में पहुंचा था, जहां पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने उद्धव ठाकरे के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले के बाद पहली बार सीएम एकनाथ शिंदे का बयान आया है।
बता दें की शिंदे गुट की भी दशहरा सभा मुंबई के बीकेसी में होने वाली है। उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा सभा की इजाजत मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस मौके पर शिवसेना के दोनों खेमे अपनी-अपनी ताकत दिखाएंगे। इसी बीच भंडारा से शिंदे समूह के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने कहा कि पूर्वी विदर्भ से सीएम शिंदे की सभा में लगभग 40,000 से 50,000 लोग जाएंगे। शिंदे समूह के मंत्री संजय राठौड़ द्वारा मुंबई के बीकेसी मैदान में दशहरा रैली के लिए 250 ट्रेवल्स बुक की गई हैं।