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मुंबई के स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक, बताई जा रही यह बड़ी वजह ?

मुंबई महानगरपालिका ( Mumbai Municipal Corporation ) के स्कूलों में सभी विषयों ( All Subjects ) के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक ( Only One Teacher ), नगरसेवकों ( Corporators ) समेत अभिभावकों ( Parents ) ने की शिक्षा में गुणवत्ता ( Quality In Education ) की मांग, शिक्षा विभाग ( Education Department ) ने किया दावा, हर विषय के लिए स्वतंत्र शिक्षक ( Independent Teacher ) देने से छात्रों में पैदा होता है डर

मुंबईNov 20, 2019 / 10:17 am

Rohit Tiwari

मुंबई के स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक, बताई जा रही यह बड़ी वजह ?

मुंबई के स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक, बताई जा रही यह बड़ी वजह ?

मुंबई. मुंबई महानगरपालिका के स्कूलों में शिक्षा में गुणवत्ता की मांग नगरसेवकों समेत अभिभावकों की ओर से की गई है, लेकिन महानगरपालिका का अपने प्राथमिक स्कूलों में सारे विषयों को पढ़ाने के लिए केवल एक ही शिक्षक रखने की भूमिका में है। शिक्षा विभाग का दावा है कि निजी स्कूलों की तरह नगरपालिका स्कूलों में हर विषय के लिए स्वतंत्र शिक्षक देने से छात्रों में डर पैदा होता है। उन्होंने समझाया कि सभी विषयों को एक शिक्षक के साथ पढ़ाना बेहतर है। उच्च प्राथमिक स्तर पर, विज्ञान, भाषा और सामाजिक विज्ञान में उनमें से हर एक की तरह प्रशिक्षित स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों की नियुक्तियां हैं। 1 से 5वीं कक्षा के छात्र 6 से 10 वर्ष के आयु वर्ग में हैं। इसलिए इन कक्षाओं में पाठ्यक्रम और छात्रों की उम्र के स्तरों को देखते हुए सभी विषयों को एक ही शिक्षक के साथ पढ़ाना बेहतर होता है। एक विषय के अध्ययन में पीछे रहने वाले छात्रों को उपचारात्मक शिक्षा प्रदान करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास किया जाता है।
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राकांपा नगरसेविका ने की थी प्रस्ताव को मांग…
इस कक्षा में छात्रों की आयु को ध्यान में रखते हुए अगर विषय के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है, तो छात्रों के मन में शिक्षक के डर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं अगर कोई शिक्षक प्रशिक्षक चुनाव कार्य या घरेलू कारणों से स्कूल नहीं जा पाता है तो बच्चों को नुकसान हो सकता है। इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने समझाया कि वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही थी। बता दें कि मुंबई नगर निगम के सभी स्कूलों में हर विषय के लिए अलग-अलग शिक्षक उपलब्ध कराने के लिए राकांपा की नगरसेविका डॉ. सईदा खान की ओर से प्रस्ताव की मांग की गई थी। उस सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए नगर शिक्षा विभाग ने बताया कि प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग शिक्षक उपलब्ध नहीं कराए जा सकते।
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शिक्षक के न आने से बर्बाद होता है पूरा दिन…
विदित हो कि घर-गृहस्ती के विभिन्न कारणों के साथ शिक्षक स्कूलों में नहीं जा सकते हैं। इसलिए अलग-अलग विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध होने पर अगर कोई शिक्षक स्कूल में अनुपस्थित रहता है, तो दूसरा शिक्षक उस विषय के घंटे के लिए विषय ले सकता है। इस तरह से छात्र का पूरा दिन बर्बाद होने पर रोक लगाई जा सकेगी। वहीं खान ने कहा कि विभिन्न विषयों के लिए शिक्षकों को शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी। शिक्षा समिति की सदस्य सोनम जमसुतकर ने भी इस पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि अगर निजी स्कूलों में हर विषय के लिए एक स्वतंत्र शिक्षक है तो नगरपालिका स्कूलों में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। मूल रूप से महापालिका स्कूलों में दर्जा ऊंचा करके छात्रों के रिसाव को कम नहीं करना चाहता है। इसलिए शिक्षा के मानक को बढ़ाने के बजाय, प्रशासन विचार कर रहा है कि इसे नीचा कैसे दिखाया जाएगा, इस तरह का प्रशासन पर आरोप लगाया।

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