ट्विटर पर साझा किए गए पीएम मोदी को लिखे पत्र में राज ठाकरे ने कहा, महिला पहलवान, जिन्हें हम गर्व से ‘अपने देश की बेटियां’ कहते हैं, जिनकी कड़ी मेहनत से देश को कुश्ती के खेल में मेडल देखने के अनेक अवसर मिले हैं। वे दिल्ली में एक साथ कई दिनों से अपनी गुहार लगा रहीं हैं। उनका आरोप भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर है कि उन्होंने उनका यौन उत्पीड़न किया है।
मनसे प्रमुख ने आगे लिखा, वे केवल सरकार से एक आश्वासन की मांग कर रहीं हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा और वे अपनी लड़ाई में किसी ‘बाहुबली’ के दबाव और बाधा का सामना नहीं करेंगी।
राजधानी दिल्ली में प्रदर्शनकारी पहलवानों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए राज ठाकरे ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि जिसे हम ‘देश का गौरव’ कहते हैं, उसे आपकी गरिमा इस तरह घसीटने नहीं देगी। दुर्भाग्य से जो 28 मई को हुआ। उनकी सुनवाई (आरोपों की) हो और उन्हें वह वादा दिया जाये, जिनकी वें हकदार है।
मनसे चीफ ने आगे कहा, “अगर पहलवानों को योग्य न्याय नहीं मिला तो कौन सा खिलाड़ी संघर्ष कर खून-पसीना बहाकर देश के लिए मेडल जीतना चाहेगा? अगर हमारे देश की सरकार को हमारी पीड़ा की परवाह नहीं है, ऐसी तस्वीर बनी तो ‘खेलो इंडिया’ एक सपना बनकर रह जाएगा। आप इन मुद्दों पर ध्यान दें और इस मामले में समाधान निकालें।“
मालूम हो कि बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट जैसे कई शीर्ष पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर (Jantar Mantar) पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। पिछले रविवार को प्रदर्शनकारी पहलवान ने बैरिकेड्स को लांघते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जा रहे नए संसद भवन की ओर मार्च करने की कोशिश की। तब दिल्ली पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए महिला और पुरुष पहलवानों को हिरासत में ले लिया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।