
यात्रा के बारे में सूचना देने वाले माइल स्टोन मार्गों से नदारद
मुंगेली. नगर की सडकों पर अब माईल स्टोन नहीं दिखते। लोक निर्माण विभाग की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि मुंगेली से बिलासपुर, लोरमी, रायपुर, पंडरिया, पथरिया या नवागढ जाने वाली सडकों पर माइल स्टोन नहीं लगे हैं। वहीं शहर हर के अंदर लगे ये पत्थर कहां पर लगे हैं, पता ही नहीं चलता।
विगत सालों में नगर की सडक़ों का चौड़ीकरण होने से अतिक्रमण की जद में आने से नजूल भूमि पर बने अनेक भवनों में काफी टूट-फूट हुई। सडक़ किनारे चौड़ी नालियां बनीं। ऐसे में माइल स्टोन अगर टूटे तो किसको परवाह, एकाध जगह ये माइल स्टोन बच भी रहे हैं तो देख-रेख के अभाव में बदरंग हो गये हैं, या सडक़ किनारे हुए बेजा कब्जा का शिकार होकर ठेला के पास दब गये हैं। मुंगेली में 0 मील को दर्शाने वाला पत्थर पुराने बस स्टैंड में स्थित है। यह बात और है कि सडक़ किनारे ठेलों के बेजा कब्जा के बीच दबने के कारण वह आसानी से नजर नहीं आता। गांधी पुतला के पास चाय व मूंगफली ठेला के बीच दबा 0 मील का यह पत्थर शासन-प्रशासन के ध्यान से दूर बिलकुल बदरंग हो चुका है। वहीं विभागीय लापरवाही के चलते नगर के अंदर कहीं पर भी मील के पत्थर नहीं दिखते।
रायपुर मार्ग पर नाले के पास सडक़ किनारे पुरातनकालीन जर्जर अवस्था में एक माइल स्टोन दिखता है, जिसे ध्यान से देखने पर केवल मुंगेली लिखा समझ में आता है। इसी प्रकार बिलासपुर मार्ग पर दूर तक खोजने के बाद भी कहीं पर माइल स्टोन के अवशेष नहीं दिखते। इससे यह पता लगता है कि इस मार्ग के माइल स्टोन सडक़ चौड़ीकरण की भेंट चढ़ गये।
सडक़ पर यात्रा करने वालों को मील के पत्थर देते हैं ये जानकारी
नारंगी-सफेद पत्थर: यात्रा के दौरान अगर सडक़ किनारे नारंगी-सफेद रंग का पत्थर लगा दिखे तो इसका मतलब होगा कि इसका निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के अंतर्गत किया गया है। ये हाईवे से किसी गांव की ओर जाने वाला लिंक रोड है।
पीला-सफेद पत्थर: सडक़ किनारे अगर पीला-सफेद रंग का मील पत्थर लगा दिखाई दे, तो इसका मतलब है कि यह नेशनल हाईवे है। पीला-सफेद पत्थर नेशनल हाईवे पर ही लगाया जाता है।
हरा-सफेद पत्थर: सफर के दौरान अक्सर सडक़ किनारे हरा-सफेद रंग का मील पत्थर लगा दिखता है। इस रंग का मील पत्थर स्टेट हाईवे होने की निशानी है। इस सडक़ के रख-रखाव की जवाबदारी राज्य सरकार की होती है।
नीला या काला-सफेद पत्थर: सफर के दौरान जब नीला-सफेद या काला-सफेद रंग का मील पत्थर दिखे तो इसका अर्थ होता है कि एक शहर नजदीक है। और यह सडक़ उस शहर से संबंधित जिले के अधीन होता है।
क्या होता है 0 माइल: जीरो माइल किसी भी देश, शहर या गांव की वह जगह होती है, जहां से अन्य देश, शहर या गांव की दूरी मापी जाती है। इसे यूं समझें कि मुंगेली से बिलासपुर की दूरी 52 किमी है। मुंगेली व बिलासपुर दोनों ही बड़े शहर हैं। ऐसे में इन दोनों शहरों के बीच कोई तो ऐसा स्थान होगा, जहां से दूरी मापी गयी होगी। मुंगेली के 0 स्थान से बिलासपुर में 120 स्थान तक। दोनों ही शहरों में यह 0 माइल किसी खास स्थान पर तो होते ही हैं।
Published on:
04 Feb 2019 12:15 pm
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