यह भी पढ़ेंः- राज्यों के सीएम से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बात करने से पहले PMO ने किया कुछ ऐसा Tweet
कोरोना वायरस की वजह से फ्रैंकलिन टेंपलटन ने उठाया था यह कदम
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फ्रैंकलिन टेंपलटन ने कोरोना वायरस के कारण हुए नुकसान की वजह से मार्केट में लिक्विडिटी की कमी का हवाला देते हुए 6 म्यूचुअल फंड बंद कर दिए थे। इस फैसले के बाद म्यूचुअल फंड इंवेस्टर्स के करीब 30 हजार करोड़ रुपयों पर संकट आ गया था। कंपनी ने अपने लिए फैसले के बाद कहा थाा कि कोरोना संकट की वजह से लोगों ने अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से उनके पास कैश में लगाता कमी आ रही है।
यह भी पढ़ेंः- आखिर सुपर रिच पर 40 फीसदी टैक्स लगाने के पीछे टास्क फोर्स ने क्या दिया तर्क?
इसलिए उठाया आरबीआई ने यह कदम
फ्रैंकलिन टेंपलटन के इस फैसले के बाद इंवेस्टर्स में डर का माहौल बन गया था। दूसरे म्यूचुअल फंड इंवेस्टर्स भी काफी डर गए थे। मार्केट में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे थे कि मौजूदा माहौल में म्यूचुअल फंड से भी अपने पैसे ना निकलने लगें। अगर ऐसा होता तो मार्केट में असंतुलन फैलने का खतरा बढ़ सकता था। जिसकी वजह से आरबीआई ने अहम फैसला लेते हुए इंवेस्टर्स को राहत पहुंचाने का काम किया है। आरबीआई के अनुसार वो देश की इकोनॉमी को बेहतर बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।