57 साल के बुजुर्ग व्यक्ति का नाम
भूपेंद्र सिंह मेहरा है, जो उत्तराखंड के जिला हल्द्वानी के गांव छड़ायल सुयाल के रहने वाले हैं। इस व्यक्ति ने लोगों को पर्यावरण प्रति जागरूक करने के लिए देहरादून से लेकर कन्याकुमारी तक की यात्रा की है। भूपेंद्र सिंह ने हर किसी को एक ही संदेश दिया कि पर्यावरण बचेगा तो हम सबका जीवन भी बचेगा।
57 वर्षीय बुजुर्ग भूपेंद्र सिंह मेहरा 16 अक्टूबर को देहरादून से चले थे। इसके बाद उन्होंने साइकिल से ही उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, गोला गोकर्ण
नाथ , सीतापुर, अयोध्या, लखनऊ, फैजाबाद, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, चित्रकूट, बांदा, झांसी होते हुए
मध्य प्रदेश के 4 जिलों को पार करते हुए, महाराष्ट्र के 9 जिलों के साथ नागपुर और पूना होते हुए 15 दिसंबर को मुंबई पहुंचे।
इसके बाद कन्याकुमारी होते हुए वह अब वापस मुजफ्फरनगर होते हुए देहरादून जाएंगे। जहां उनकी ये पर्यावरण बचाओ यात्रा समाप्त होगी। भूपेंद्र सिंह मेहरा के अनुसार वे दिन भर में साइकिल से 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। यात्रा के दौरान भूपेंद्र जहां भी जाते हों वंही लोग उन्हें
ध्यान से देखते हैं और उनकी साइकिल के आगे तख्ती पर लिखे संदेश को पढ़ते हैं। यात्रा के दौरान आने वाले सरकारी व पब्लिक स्कूल में बच्चों को पर्यावरण के बारे में बताते हैं। भूपेंद्र लोगों को अपने क्षेत्र को साफ सुंदर व स्वच्छ रखने और पेड़ लगाने का संदेश भी देते हैं। इस यात्रा में उनकी मदद उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद भी कर रहा है। उनका उद्देश्य है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए जिससे लोगों को अधिकतर बीमारियों से छुटकारा मिल सके।
भूपेंद्र की जिंदगी का एक ही मिशन है कि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जाए। इसी में हम सभी का जीवन है और इसी के जरिए हम सब आने वाली पीढ़ियों को खुशहाल देख सकते हैं। जाहिर है कि भूपेंद्र सिंह मेहरा के इस जज्बे को हर सलाम करता है क्योंकि धूंप गर्मी सर्दी बारिश की परवाह किए बिना ही साइकिल से भारत भ्रमण कर रहे हैं। पिछले महीने भूपेंद्र पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश लेकर मुजफ्फरनगर पहुंचे, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम कर सुबह रामपुर तिराहा स्थित उत्तराखंड शहीदी स्मारक पर वृक्षारोपण के उपरांत आगे की यात्रा तय की। अब तक भूपेंद्र सिंह मेहरा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में साइकिल यात्रा कर चुके हैं।