मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद बशीर कासमी ने कहा है कि हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब और हिंदू-मुस्लिम भाईचारे एकता की मिसाल पूरे विश्व में विख्यात है। लेकिन, जिस तरीके से राजस्थान में टेलर मास्टर कन्हैया लाल की निर्मम हत्या की गई है, वह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है न कि नफरत का। कन्हैया लाल के हत्यारे किसी आतंकवादी से कम नहीं हैं। इसलिए हम इस घटना की घोर निंदा करते हैं। साथ ही कन्हैया लाल के हत्यारों को फांसी की सजा की मांग करते हैं।
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कन्हैयालाल के हत्यारों का सिर कलम करने पर इनाम घोषित करने वाला हिंदू संगठन खुद फंसा हत्यारोपियों की इस्लाम में रहने की कोई गुंजाइश नहीं मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा कि हम कन्हैया लाल के हत्यारों का सिर्फ सामाजिक बहिष्कार ही नहीं करते हैं, बल्कि ऐसे लोगों को इस्लाम में रहने की भी कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए उनका धार्मिक और सामाजिक बहिष्कार किया जाता है। बता दें कि मौलाना का ये बयान उस वक्त आया है, जब देशभर में तमाम संगठन के लोग इस घटना का विरोध कर रहे हैं।
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कन्हैयालाल की हत्या की खुशी में यहां आतिशबाजी कर मनाया जश्न, पुलिस ने लिया ये एक्शन जमीअत के दोनों गुटों ने घटना को बताया कलंक वहीं, इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दोनों गुटों ने उदयपुर में हुई घटना पर दुख जताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की। मौलाना अरशद मदनी और मौलाना महमूद मदनी ने कहा है कि यह घटना मानवता के लिए कलंक है और गैर इस्लामिक है। जमीयत के दोनों संगठनों ने साफ कहा कि वह मॉब लिंचिंग के खिलाफ हैं और उदयपुर की घटना का पुरजोर विरोध करते हैं।