इस पुल का क्षतिग्रस्त होना इसके निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के खेल को उजागर करता है, जबकि इसके निर्माण को लेकर घटिया सामग्री की शिकायत करने वाला करतार सिंह आज भी अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। करतार सिंह ने बताया कि 2013 में ही शिकायत चीफ इंजीनियर से लेकर प्रमुख सचिव तक की थी। जिसमें बताया गया था कि पुल निर्माण में निम्न कोट की अधेमानक सामग्री ( सीमेन्ट, डस्ट व ईंटों) का प्रयोग किया जा रहा है।
उन्होने बताया कि इसके फाउन्डेशन आधी-अधूरी , कम लम्बाई, कम चैडाई व बेहद कम मोटाई की बनाई गयी। पीलर्स के निर्माण में पीले व कच्ची ईंटों का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा सिमेन्ट भी निम्न कोटि का व बेहद कम मात्रा व गलत अनुपात में लगाया गया है तथा केवल बाहरी तौर पर दिखावा मात्र के लिए ही किया जा रहा है। इस पुल को मानवता के लिए खतरा बताया गया था।