scriptPatrika Exclusive: संजीव बालियान बोले- किसानों की परेशानी खत्‍म करेंगे, सिर्फ बछिया पैदा होंगी, बछड़े नहीं – देखें वीडियो | Patrika Exclusive Interview With central minister sanjeev balyan | Patrika News
मुजफ्फरनगर

Patrika Exclusive: संजीव बालियान बोले- किसानों की परेशानी खत्‍म करेंगे, सिर्फ बछिया पैदा होंगी, बछड़े नहीं – देखें वीडियो

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान से आशुतोष पाठक और प्रवेश मलिक की खास बातचीत
बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग वाले बयान पर आज भी कायम हैं भाजपा सांसद
कट्टर हिंदूवादी छवि को लेकर भी दी अपनी बेबाक राय

मुजफ्फरनगरJun 11, 2019 / 01:13 pm

sharad asthana

sanjeev balyan

Patrika Exclusive: केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने वेस्‍ट यूपी में भाजपा की हार की बताई वजह

मुजफ्फरनगर। उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान से आशुतोष पाठक और प्रवेश मलिक ने कुछ ज्‍वलंत मुद्दों को लेकर खास बातचीत की। पेश हैं पत्रिका टीम के सवाल और केंद्रीय मंत्री के जवाब-
1 – जाट लैंड का बड़ा जाट नेता अब कौन है, अजित सिंह या संजीव बालियान?

मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं। शायद इसलिए मैं चुनाव जीता हूं। लोग मुझे अपना मानते हैं। मेरी बड़ा नेता बनने की कोई इच्‍छा नहीं है। मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं और अपने क्षेत्र के लोगों का भाई हूं। मैं इसमें खुश हूं और सुखी हूं।
2 – इतने कम अंतर से जीत हासिल हुई, क्या वजह रही? लगता है सभी वर्गों का साथ आपको नहीं मिला?

कहीं न कहीं धार्मिक या जातीय आधार पर निश्चित रूप से वोट तो पड़े हैं। अगर इन बातों पर वोट न पड़ते तो विपक्षी उम्‍मीदवार को एक भी वोट मिलने की गुंजाइश नहीं थी। न वह स्‍थानीय थे, न उन्‍होंने पहले कभी यहां काम किया। सबको पता था कि वह भविष्‍य में भी काम नहीं आएंगे। पर कहीं न कहीं कुछ वोट भावनाओं के आधार पर पड़े हैं।
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3 – क्या अजित सिंह ने आपको कड़ी टक्कर दी। काउंटिंग शुरू होने के बाद से ही कभी आप आगे रहते तो कभी अजित सिंह। कई बार तो अंतर इतना बढ़ा कि लगा अजित सिंह जीत जाएंगे।
निश्चित रूप से कड़ी टक्‍कर थी। एक तरफ भाजपा थी जबक‍ि दूसरी तरफ सभी विपक्षी पार्टियों का गठजोड़ था। सभी ज्‍यादातर नेता उस पक्ष में थे। पुराने नेता भी उनकी तरफ थे। भाजपा की तरफ केवल जनता थी। दूसरी तरफ सभी नेता थे, तो निश्चित रूप से टक्‍कर तो कड़ी ही थी।
4- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को कई सीटों पर हार मिली। यहां भाजपा को लोगों ने क्यों पसंद नहीं किया? (क्योंकि भाजपा प्रत्याशियों के जीत का अंतर कम है और हार का अंतर ज्यादा ऐसा क्यों?)
पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में धार्मिक आधार पर भी वोट पड़े हैं। अगर वोट धार्मिक आधार पर न पड़ते तो निश्चि‍त रूप से सभी वोट भाजपा को मिलते। जहां-जहां इस तरह का वोट बैंक था, वह भाजपा के खिलाफ था। लोगों ने कहीं न कहीं भावनाओं के आधार पर वोट डाले हैं। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के काम के आधार पर वोट नहीं दिए हैं। इस वजह से भाजपा को कम वोट मिले हैं।
5- वोटिंग वाले दिन आपने सुबह-सुबह एक आरोप लगाया कि बुर्के की आड़ में कुछ महिलाएं फर्जी वोटिंग कर रही हैं। हालांकि, इस आरोप को चुनाव आयोग ने नकार दिया। कितनी सच्चाई थी इस आरोप में। क्या अब भी मानते हैं कि मुजफ्फरनगर में फर्जी वोटिंग हुई?
मैं अपनी बात पर आज भी कायम हूं। चुनाव आयोग बड़ी संस्‍था है, मैं उनको चैलेंज नहीं कर सकता हूं। क्‍योंकि मैंने मामले स्‍वयं पकड़े थे। बुर्के में चेहरा और आईडी का मिलान नहीं हो रहा था। बिना चेहरा मिलान के यह ठीक नहीं है। चेहरे को देखना चाहिए लेकिन कहीं भी मुजफ्फरनगर में चेहरा नहीं देखा गया था। आज भी कहूंगा कि मैं अपनी बात पर सही था।
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6 – क्या अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने आपको वोट दिया?

कुछ वोट मिला है निश्चित रूप से। प्रयास करेंगे कि काम के आधार पर वे और ज्‍यादा वोट दें। जो भी विकास के कार्य होते हैं तो सभी धर्म व जातियों के लिए होते हैं। प्रयास करेंगे कि आगे और ज्‍यादा वोट दें।
7- आप पर मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़ाव के आरोप हों या कट्टर हिंदूवादी छवि। इन सबके बीच अल्पसंख्यकों में अपनी छवि कैसे सुधारेंगे, क्योंकि अब तो प्रधानमंत्री ने नया नारा दिया है– सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास। क्या यह नारा आपके लिए फिट बैठता है।
जी बिल्‍कुल, मुजफ्फरनगर जनपद से जब से मैं सांसद बना हूं, कोई यह नहीं बता सकता है कि मैंने धार्मिक आधार पर किसी को परेशान किया हो या दुखी किया हो, और अगर ये कट्टर छवि मेरी थी तो आसपास के जिलाें में भी वर्ग विशेष के कम वोट मिले हैं। कहीं न कहीं यह संजीव बालियान का मुद्दा नहीं, सबका जुड़ा हुआ मुद्दा है।
8 – मुजफ्फरनगर दंगा मामले में क्या अपडेट है? कुछ खास लोगों पर लगे केस हटाए जा रहे हैं, इसमें आपका नाम भी शामिल है। इससे दोनों पक्ष के लोग नाराज हैं?

जी, मेरा कोई मुकदमा वापस नहीं लिया गया है। कोई भी राजनीतिक मुकदमा वापस नहीं लिया गया है। जो मुकदमे सरकार ने वापस लिए हैं, वे आम लोगों पर दर्ज मुकदमे हैं। ज्‍यादातर मुकदमे उनमें फर्जी थे। किसी भी नेता के ऊपर से कोई मुकदमा वापस नहीं लिया गया है।
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9- दंगा पीड़ि‍तों के पुनर्वास को लेकर सरकार क्या कर रही है। तमाम मुद्दों को लेकर कई परिवार अब भी पलायन कर रहे हैं।

पुनर्वास पहले ही हो चुका था। सपा सरकार में दंगा हुआ और दंगे के ढाई-तीन साल तक सपा शासन में थी। सभी लोगों की उस तरह से मदद हुई थी। शायद उसी मदद का कारण था कि लोग अपने गांव में वापस नहीं आए। गांव में उनकी संपत्ति है। गांव में कुछ लोग वापस आए भी हैं। अगर वे लोग अपने गांव में वापस आए तो मैं स्‍वागत करूंगा।
10- मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की मांग लंबे समय से हो रही है। आप खुद भी इससे सहमति जता चुके हैं। केंद्र और राज्य में फिर आपकी सरकार है। क्या प्रयास हो रहे हैं इसके लिए?
जब आप सरकार में होते हैं और मंत्री होते हैं तो अपनी बात सरकार में पहुंचाने का अवसर मिलता है। पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में हर व्‍यक्ति चाहता है क‍ि यहां पर हाईकोर्ट की बेंच बने। हाईकोर्ट बहुत दूर है। उनमें से मैं भी एक हूं। अपनी बात को मैं पहले भी उठाता रहा हूं। मैं प्रयास करूंगा, अपने नेतृत्‍व को सहमत कर पाऊं कि पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की जनता की यह बहुत बड़ी मांग है। इसे पूरा किया जाना चाहिए।
Sanjeev Baliyan
11- गन्ना किसानों के भुगतान का मुद्दा भी लंबे समय से अटका है। उसे पटरी पर लाने के लिए इस बार क्या करेंगे?

हमारे जिले में इतनी समस्‍या नहीं है। वैसे आप कह सकते हैं क‍ि हमारे जनपद में बजाज शुगर मिल की समस्‍या ज्‍यादा है। जो भुगतान की समस्‍या है। पहले भी हमने कई बार कहा है कि गन्‍ने के ज्‍यादा उत्‍पादन की वजह से हमें एथेनॉल में जाना पड़ेगा। हमने पहले ही प्रयास शुरू कर दिए हैं। हमें कुछ कामयाबी भी मिली है। आने वाले समय में इस पर सरकार को और बढ़ना चाहिए। एक फंड बनाकर किसानों को समय पर पेमेंट देना चाहिए।
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12- आपने कहा था बैल अब खत्म होंगे। पशुपालन मंत्री के तौर पर आप इस योजना को लेकर कितने गंभीर हैं? कब से काम शुरू होगा इस पर?

जब मैं कृषि राज्‍यमंत्री था, तब से ही काम शुरू हो गया था। बीच में काम थोड़ा सा धीमा रहा। अब दोबारा हमने इस (सेक्‍स्‍ड सीमेन टेक्‍नोलॉजी) पर तेजी से काम शुरू किया है। कुछ पायलट प्रोजेक्‍ट भी शुरू हुए हैं। मुझे लगता है अगले छह माह में हम इसे पूरे देश में लाने में कामयाब रहेंगे।
13- प्रदेश में किसानों के लिए आवारा पशु परेशानी का सबब बने हुए हैं। इससे फसल को काफी नुकसान हो रहा है। तमाम दावों के बाद भी गौशालाओं का निर्माण नहीं हुआ। यह कब तक ठीक होगा?
कुछ निर्माण चल रहे हैं। कस्‍बों में शुरू हो चुके हैं लेकिन गांवों में निर्माण जारी है और सेक्‍स्‍ड सीमेन टेक्‍नोलॉजी आएगी। इससे बछ‍िया पैदा होंगी, बछड़े पैदा नहीं होंगे तो संख्‍या में कमी आएगी। सरकार कुछ गौशालाओं का निर्माण कर रही है। ये एक दिन में नहीं हो सकते हैं। इन कामों में समय लगता है। सरकार इनके प्रति गंभीर है और समस्‍या का समाधान जल्‍दी होगा।
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14- एक समय देश में लोग पशुपालन के लिए खुद आगे आते थे। लेकिन महंगाई और तमाम वजहों से इससे दूर होते गए। किसानों के लिए अतिरिक्त आय का अच्छा स्रोत हो सकता है पशुपालन। इस पर केंद्र सरकार क्या योजना ला रही है?
अभी पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य का नया मंत्रालय बना है। पहली कैबिनेट बैठक में प्रधनमंत्री जी ने साढ़े 13 हजार करोड़ रुपये इस मंत्रालय को दिए हैं। आप देखेंगे कि पिछले पांच साल में भी इतने रुपये नहीं मिले थे। कुछ और प्रोजेक्‍ट्स भी हैं। सरकार इस मामले में गंभीर है। हमारा प्रयास रहेगा कि किसान की आमदनी पशुपालन के जरिए ही बढ़ाई जा सकती है।
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15- इस बार बतौर सांसद और बतौर पशुपालन मंत्री आपकी अलग-अलग प्राथमिकताएं क्या होंगी?

हमारी तो प्राथमिकता है कि किसान की आमदनी में वृद्ध‍ि हो। मुजफ्फरनगर जनपद में चिकित्‍सा सुविधा का अभाव है। यहां मेडिकल कॉलेज की स्‍थापना होनी चाहिए। सांसद के रूप में इसे पूरा कराना है। क्षेत्र की जनता के बीच में 24 घंटे रहना है। प्रयास करूंगा कि रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम मुजफ्फरनगर तक आ जाए तो दिल्‍ली से हमारी कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। इससे 60-70 मिनट में हम दिल्‍ली पहुंच जाएंगे।
16- पिछली बार की ऐसी कौन सी प्राथमिकताएं या बड़े काम हैं, जो अधूरे रह गए और अब उन पर भी फोकस करेंगे?

मेडिकल कॉलेज और रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम अधूरे रह गए थे। मेरी नजरों में ये दोनों बड़े काम बाकी हैं।
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