scriptUP BUDGET 2018: बजट से पहले ही टूटी किसानों की उम्मीद | UP budget 2018 Farmers disappointed before budget | Patrika News
मुजफ्फरनगर

UP BUDGET 2018: बजट से पहले ही टूटी किसानों की उम्मीद

योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा आज पेश किए जाने वाले बजट को लेकर चिंतित हैं किसान

मुजफ्फरनगरFeb 16, 2018 / 10:46 am

lokesh verma

Muzaffarnagar
मुजफ्फरनगर. योगी आदित्यनाथ सरकार आज 2018-19 का बजट पेश करने जा रही है। अब कुछ घंटे ही बजट पेश करने के शेष बचे हैं ऐसे में लोगों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। योगी सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले इस बजट से मुजफ्फरनगर के लोगों को काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि ये बजट पिछले बजट से ज्यादा राहत भरा होगा। सरकार आम जनमानस की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करेगी। हालांकि कुछ किसान बजट आने से पहले ही निराश हैं। उनका कहना है कि ये सरकार उद्योगपतियों की सरकार है। इससे उम्मीद बांधना बेमानी है।
UP BUDGET 2018: योगी के बजट में युवाओं और किसानों पर फोकस

वेस्ट यूपी के किसानों की बात की जाए तो यहां के गन्ना किसान सरकार से उम्मीद जरूर लगाए बैठे हैं। उनको आशा है कि इस बार योगी सरकार उनकी समस्या का कुछ ना कुछ समाधान जरूर निकालेगी। लेकिन, मुजफ्फरनगर के किसान पूरी तरह से सरकार से नाखुश नजर आ रहे हैं और बजट आने से पहले ही सरकार को कोस रहे हैं। पेश है बजट को लेकर किसानों से खास बातचीत।
UP BUDGET 2018: बजट से पहले ही योगी सरकार ने वेस्ट यूपी के तीन जिलों को दी ये बड़ी सौगात

किसान धर्मेंद्र का कहना है कि उन्हें सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। उनका कहना है यह सरकार उद्योगपतियों की सरकार है। ये सरकार उद्योगपतियों को तो आसमान पर पहुंचा देगी, लेकिन किसानों को गर्त में उतार देगी। यह सरकार पूरी तरह फेल है।
वहीं किसान नेता राजकुमार हडोली ने कहा कि योगी सरकार से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने व्यापारियों और सरकार पर व्यंग करते हुए कहा कि प्रेम से बोलो जय श्री राम, 1 किलो में 900 ग्राम।
UP BUDGET 2018- आज पेश होगा बजट, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ इनको दे सकते हैं बड़ा तोहफा

किसान परमेंद्र सिंह लंबरदार का कहना है कि उन्हें भी सरकार से कोई खास उम्मीद नहीं है। आज तक जितनी भी सरकारों का बजट आया उसमें किसानों और मजदूरों को निराशा से ज्यादा कुछ हाथ नहीं लगा।
मंसूरपुर निवासी किसान समर सिंह का कहना है कि जैसा केंद्र सरकार ने किसानों को झुनझुना दिया था। उसी तरह झुनझुना यूपी सरकार भी देने वाली है। वहीं किसान सतपाल सिंह का कहना है कि सब ऐसे ही हैं। किसानों का कोई नहीं है यह पूंजीपतियों की सरकार है।
राष्ट्रीय जाट संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुजफ्फरनगर दंगा समझौता समिति के संयोजक विपिन सिंह बालियान का कहना है कि यह उद्योगपतियों की सरकार है। इससे आम जनता को कोई उम्मीद नहीं है। अभी केंद्र सरकार का बजट आया था उससे किसानों को भारी निराशा हुई। यही उम्मीद उत्तर प्रदेश सरकार से है। केवल जो काम होगा वह उद्योगपतियों के लिए होगा। अगर सरकार को कुछ करना है तो बिजली का के साथ खाद और डीजल के रेट घटाए, तकि किसानों को राहत मिल सके।

Home / Muzaffarnagar / UP BUDGET 2018: बजट से पहले ही टूटी किसानों की उम्मीद

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो