बेनीवाल ने नागौर से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. ज्योति मिर्धा को डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया। नागौर लोकसभा क्षेत्र के 19 लाख 24 हजार 567 में से 11 लाख 96 हजार 32 लोगों ने मतदान किया था। बेनीवाल को 6 लाख 60 हजार 51, जबकि ज्योति मिर्धा को 4 लाख 78 हजार 751 मत मिले। इसके अलावा 13049 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया।
हनुमान बेनीवाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी ज्योति मिर्धा को 1 लाख 81 हजार 260 मतों से हराया। नागौर के राजकीय मिर्धा कॉलेज में सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई। सुबह 11 बजे मिले रुझानों में हनुमान बेनीवाल ने तगड़ी बढ़त बना ली, जो अंतिम 19वें राउंड तक जारी रही। चुनाव परिणाम जारी होने के बाद बेनीवाल नागौर विधायक मोहनराम चौधरी और समर्थकों के साथ मिर्धा कॉलेज पहुंचे व जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव से प्रमाण पत्र लिया। एक नजर हनुमान बेनीवाल बेनीवाल की जीत के कारणाें पर-
युवा वर्ग में लाेकप्रियता
हनुमान बेनीवाल की युवा वर्ग में अच्छी खासी लाेकप्रियता है, जिसका उनकाे पूरा फायदा मिला। युवाओं ने चुनाव अभियान में भी बेनीवाल का पूरा साथ दिया। वे बेनीवाल को मत देने की अपील करने के लिए मतदाताओं के घर-घर पहुंचे। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ाव न होना ज्योति मिर्धा के लिए भारी पड़ गया।
सभी समाज का साथ
हनुमान बेनीवाल को हर कौम से वोट मिले। खासकर राजपूत बहुत इलाकों में उन्होंने भाजपा की मदद से अच्छे वोट हासिल किए। भाजपा को गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र सिंह राठौड़ और योगी आदित्यनाथ का समर्थन भी मिला। इसके अलावा उनके आरएसएस के साथ संंबंध भी काम आए।
सोशल मीडिया पर सक्रियता
सोशल मीडिया पर सक्रियता का भी हनुमान बेनीवाल की जीत में अहम योगदान रहा। हनुमान बेनीवाल की टीम उनके हर कार्यक्रम की जानकारी सोशल मीडिया पर समय-समय पर अपडेट करती रहती है। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट खूब देखी और शेयर की जाती है। इस कारण भी उनकी लोकप्रियता बहुत ज्यादा है।
मोदी लहर
हनुमान बेनीवाल की जीत में मोदी लहर का भी योगदान रहा। राजस्थान में एनडीए की जीत को खुद बेनीवाल ने मोदी तूफान का उसर बताया है। भाजपा के साथ गठबंधन करने का बेनीवाल को फायदा मिला। चुनाव में उन्होंने मोदी के नाम पर वोट मांगे। हर सभा में राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया। कांग्रेस के हर सवाल का मुखर होकर जवाब दिया।
रुठों को मनाया
हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा चुनाव पूरी योजना के साथ लड़ा। उन्होंने उनसे जो भी रुठा हुआ था उसे मनाया और अपने साथ लिया। बेनीवाल ने भाजपा में उनके विरोधियों को भी पक्ष में किया। इसका परिणाम रहा कि उन्हें नागौर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले हर विधानसभा क्षेत्र से खूब वोट मिले।