गौरतलब है कि ताऊसर ग्राम पंचायत की चरागाह भूमि पर बसे बंजारा समाज के लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हाईकोर्ट के आदेश पर उपखंड प्रशासन द्वारा हटाने के दौरान 25 अगस्त 2019 को उपजे विवाद के बाद कोतवाली थाने में दो अलग-अलग मामले दर्ज करवाए गए थे, जिनमें आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग व इंदिरा बावरी को भी आरोपी बनाया गया था। दोनों विधायकों की ओर से नागौर सीजेएम कोर्ट, एडीजे कोर्ट एवं हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी का प्रार्थना पत्र लगाने के बाद खारिज हो चुकी थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से भी विधायकों को राहत नहीं मिली, जिसके बाद गत दिनों विधानसभा सत्र आहुत होने की घोषणा होने के बाद कोर्ट ने एक बार फिर दोनों विधायकों के वारंट जारी किए थे।
इधर, गृह मंत्रालय द्वारा अभियोजन विभाग जयपुर को अनुशंषा पत्र भेजने के बाद नागौर सीजेएम न्यायालय में अभियोजन अधिकारी ने न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें अभियोजन निदेशालय ने मुकदमा वापस लेने के आदेश एवं सरकारी वकील द्वारा मुकदमा वापस लेने की अनुमित के लिए दायर अर्जी पर सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तारीख तय की है। उधर, पीडि़त पक्ष के अधिवक्ता पीर मोहम्मद ने कहा कि सरकार का यह निर्णय सही नहीं है, इसलिए वे अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।