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नागौर

बीआर मिर्धा कॉलेज में नकल रोकने के लिए बंद कर दी कैंटीन

Canteen closed to stop copying at BR Mirdha College छात्रसंघ चुनाव : मिर्धा कॉलेज में व्याख्याताओं के 53 में से 32 रिक्त

नागौरAug 14, 2019 / 11:58 am

shyam choudhary

Demand to hold elections in law college

Demand to hold elections in law college

Canteen closed to stop copying at BR Mirdha College नागौर. जिला मुख्यालय के बीआर मिर्धा राजकीय कॉलेज में छात्र नेता student leader भले ही कैंटीन खुलवाने की मांग कर रहे हों, लेकिन कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उन्होंने कैंटीन को परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने के लिए बंद की है। प्राचार्य प्रोफेसर एमपी बजाज ने बताया कि विद्यार्थी अपनी किताबें व सीरिज परीक्षा के दौरान कैंटीन में रख देते थे और फिर नकल के लिए उपयोग लेते थे, ऐसे में उन्होंने कैंटीन को ही बंद कर दिया, ताकि न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी।
पत्रिका टीम ने मंगलवार को बीआर मिर्धा कॉलेज की स्थिति जानी तो व्याख्याताओं की दृष्टि से काफी कमजोर हालत पाई गई। कॉलेज में व्याख्याताओं के कुल 53 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में मात्र 32 व्याख्याता ही नियुक्त हैं, यानी 21 पद रिक्त चल रहे हैं। गौरतलब है कि मिर्धा कॉलेज में व्याख्याताओं के पद वर्षों पहले जो स्वीकृत हुए थे, वही है, जबकि पिछले 20-30 वर्षों में विद्यार्थियों की संख्या में दुगुनी से अधिक वृद्धि हुई है।
व्याख्याताओं के पद रिक्त होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है, इसके बावजूद सरकार उच्च शिक्षा को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है। हालांकि राजनेताओं की डिजायर पर हर साल नए-नए कॉलेज तो खोले जा रहे हैं, लेकिन उनमें पढ़ाने के लिए व्याख्याताओं की भर्ती उस अनुपात में नहीं हो रही है, जिसके कारण वर्ष दर वर्ष व्याख्याताओं की कमी होती जा रही है।
प्राचार्य बजाज ने बताया कि कॉलेज में एनसीसी गल्र्स विंग के लिए सांसद हनुमान बेनीवाल को पत्र लिख चुके हैं तथा इस सम्बन्ध में आयुक्तालय सहित उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवाया है। कॉलेज परिसर की चारदीवारी को लेकर प्राचार्य ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण न्यायालय के निर्णय के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
छात्रावास है, लेकिन कोई रहता नहीं
मिर्धा कॉलेज परिसर में यूजीसी से मिले बजट से महिला छात्रावास का निर्माण सात-आठ वर्ष पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन दुर्भाग्यवश छात्रावास में रहने के लिए कोई भी छात्रा तैयार नहीं है। इसका एक कारण यह भी है कि इसी छात्रावास के पास सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने भी छात्रावास बना दिया है, जिसके चलते छात्राएं वहां रहना पसंद करती हैं। प्राचार्य ने बताया कि एससी-एसटी के लिए हॉस्टल कांकरिया स्कूल के पीछे संचालित है, जिसका फंड कॉलेज से ही जाता है। इस छात्रावास की जगह को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है।
विधि कॉलेज में चुनाव कराने की मांग
विधि कॉलेज में किसी कक्षा का परिणाम जारी नहीं होने से छात्रसंघ चुनाव Student union election पर संकट के बादल गहरा गए हैं। इसको लेकर मंगलवार को छात्रों ने कॉलेज प्राचार्य चतुर्गुण खलदानिया को ज्ञापन सौंपकर चुनाव कराने की मांग की। एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव महेन्द्र इनाणियां, छात्रसंघ अध्यक्ष राकेश चौधरी, उपाध्यक्ष किशन देवड़ा, भानुप्रकाश सैनी, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद अली, पल्लव कुलदीप, मोहम्मद शफीक, रामचंद्र खुड़ीवाल, अमित बारूपाल, इशा पंवार, रामकिशोर डूडी, निशा कोठारी, जीत पंचारिया, गोपीकिशन, सुरेश जोया आदि ने ज्ञापन में वर्ष 2017 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को चुनाव में शामिल किया जाए।

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