उडऩदस्ता जिस रूट पर भी हो सामने आने वाली बसों में सूचना मिल जाती है। अपने चहेते परिचालकों को वे मैसेज भेज देते हैं कि हम इस रूट पर है। ऐसे में उस बस में एक भी बेटिकट यात्री नहीं मिल पाता। रूट पर चलते हुए यदि किसी बस को रूकवाना है तो भी अपने चहेते परिचालक की बस को उडऩदस्ता चालक जाने देते हैं। इससे न तो जांच हो पाती है और न ही बेटिकट यात्री मिलते हैं।
उधर, जांच के दौरान गत छह माह में एक भी बिना टिकिट यात्रा प्रकरण नहीं पकडऩे वाले निरीक्षक एवं प्रबंधकों पर भी गाज गिरने वाली है। रोडवेज प्रबंधन ने इस तरह के अधिकारियों को चेतावनी दी है। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रबंधन का मानना है कि इतने लम्बे समय तक एक भी बेटिकट यात्रा का मामला नहीं पकडऩा कार्य में शिथिलता एवं लापरवाही दर्शाता है।
रोडवेज के सीएमडी नवीन जैन ने बताया कि उडऩदस्ता चालकों के सम्बंध में मिली शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की गई। निरीक्षण की जानकारी रोडवेज बस के चालकों व परिचालकों को दे दी जाती है, जो गंभीर मामला है। इसे देखते हुए सभी उडऩदस्तों से चालको को हटाने व अगले छह माह तक उन्हें वापस इस जगह नहीं लगाने के निर्देश दिए है। इसके बाद प्रदेश के सभी आगारों में वाहन चालकों को बदला जा चुका है।