scriptनिर्दलीयों के चाय-कॉफी का तो पार्टी वालों के टेंट के साथ माला-साफे पर ज्यादा खर्चा | Patrika News
नागौर

निर्दलीयों के चाय-कॉफी का तो पार्टी वालों के टेंट के साथ माला-साफे पर ज्यादा खर्चा

नागौर लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा खर्च भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ने किया तो सबसे कम निर्दलीय प्रत्याशी हरिराम का रहा खर्च, लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की गणित बड़ी अजीब

नागौरMay 06, 2024 / 11:33 am

shyam choudhary

नागौर. प्रदेश की सभी 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव का मतदान सम्पन्न हो चुका है और प्रत्याशियों की ओर से चुनाव प्रचार में किए गए खर्च का ब्यौरा पेश किया है। प्रत्याशियों की ओर से पेश किए गए ब्यौरे के हिसाब से कुछ प्रत्याशियों के चाय-पानी व कचौरी-समोसे पर ज्यादा खर्च हुआ है तो कुछ के टेंट व साफा-माला के साथ गाडिय़ों के डीजल-पेट्रोल पर बड़ा खर्चा आया है।
प्रत्याशियों की ओर से पेश किए गए खर्च का विवरण बड़ा रोचक है। कभी पानी का कैम्पर 20 रुपए का आया तो कभी 30 रुपए का। कभी कचौरी 15 रुपए की बताई तो कभी 10 रुपए की। हालांकि खर्च का अंतिम ब्यौरा चुनाव परिणाम के बाद दिया जाएगा, लेकिन प्रथम चरण में हुए चुनाव का 16 अप्रेल तक के खर्च का जो ब्यौरा दिया है, उसके अनुसार नागौर लोकसभा में चुनाव प्रचार पर सबसे अधिक खर्च भाजपा प्रत्याशी डॉ. ज्योति मिर्धा ने किया है, जबकि सबसे कम निर्दलीय प्रत्याशी हरिराम का रहा। चुनाव खर्च में खास बात यह है कि निर्दलीयों को ज्यादा खर्च कचौरी, मिर्चीबड़ा, समोसा, चाय, कॉफी, पानी की बोतल आदि पर करना पड़ा, जबकि पार्टियों से जुड़े प्रत्याशियों का ज्यादा खर्च टेंट, मंच, दरी, माला, साफा व डीजल पर हुआ है।
गौरतलब है कि चुनाव के दौरान निष्पक्षता कायम रखने के लिए चुनाव आयोग हर उम्मीदवार के लिए खर्च की अधिकतम सीमा तय करता है। इस बार लोकसभा चुनाव में खर्च की अधिकतम सीमा 95 लाख रुपए तय की गई थी। इससे चुनाव में धन-बल के इस्तेमाल पर काबू पाया जाता है, इस खर्च की गणना नामांकन के साथ शुरू हो जाती है। चुनाव आयोग के अनुसार हर प्रत्याशी को नामांकन करने के बाद से ही एक डायरी में रोज के खर्च का हिसाब रखना पड़ता है और चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरा ब्योरा आयोग को देना होता है। इसमें चाय-पानी के खर्च से लेकर बैठकों, जुलूस, रैलियों, विज्ञापनों, पोस्टर-बैनर और वाहनों का खर्च भी शामिल होता है। आजाद भारत में जब 1951-52 में पहला आम चुनाव हुआ, तब उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 25 हजार रुपए थी, लेकिन तब से अब तक ये सीमा कई गुना बढ़ चुकी है। चुनाव आयोग समय-समय पर उम्मीदवारों की खर्च की सीमा बढ़ाता रहता है।
16 अप्रेल तक नागौर लोकसभा के प्रत्याशियों का खर्च
प्रत्याशी – खर्च
ज्योति मिर्धा – 24,11,052
हनुमान बेनीवाल – 21,75,991
अशोक चौधरी – 4,94,084
राजकुमार जाट – 4,60,090
गजेन्द्रसिंह राठौड़ – 3,63,373
हनुमानसिंह कालवी – 1,76,100
प्रेमराज खारडिय़ा – 66,255
अमीन खां – 35,025
हरिराम – 25,125
जानिए, चुनाव आयोग ने कब-कब बढ़ाई खर्च की सीमा
चुनाव वर्ष – खर्च सीमा
1952 – 25 हजार
1957 – 25 हजार
1962 – 25 हजार
1967 – 25 हजार
1971 – 35 हजार
1977 – 35 हजार
1980 – एक लाख
1984 – डेढ़ लाख
1989 – डेढ़ लाख
1991 – डेढ़ लाख
1996 – 4.5 लाख
1998 – 15 लाख
1999 – 15 लाख
2004 – 25 लाख
2009 – 25 लाख
2014 – 70 लाख
2019 – 70 लाख
2024 – 95 लाख

Hindi News/ Nagaur / निर्दलीयों के चाय-कॉफी का तो पार्टी वालों के टेंट के साथ माला-साफे पर ज्यादा खर्चा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो