लाडनूं में जुटे सैंकड़ों लोगों की भीड़ को देखते हुए कानून व्यवस्था के लिए लाडनूं सहित आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए। लाडनूं की ओर जाने वाली हर गाड़ी व वाहन को पुलिस जांच के बाद ही आगे बढऩे दी।
गौरतलब है कि 16 जुलाई को सुबह आनंदपाल की मां निर्मल कंवर की हृदय गति रूकने से मौत हो गई थी, लेकिन दोनों बेटे रूपेन्द्र व मंजीत जेल में होने से अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। बुधवार को परबतसर कोर्ट में मंजीत की पैरोल स्वीकृत नहीं होने पर परिजनों ने गुरुवार को जोधपुर हाईकोर्ट में आवेदन किया, जहां से मंजीत को दो दिन की पैरोल स्वीकृत हुई है।
निर्मल कंवर
Nirmal Kanwar के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सुखदेव गोगामेड़ी, छोटू सिंह रावणा सहित प्रदेश कार्यकारणी के पदाधिकारी एवं समाज के काफी संख्या में लोग लाडनूं पहुंचे हैं।