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नागौर

नागौर में नाबालिग से सामूहिक बलात्कार

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दहेज के लोभी पति को दो साल की कैद

नागौरMar 27, 2019 / 11:56 am

shyam choudhary

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नागौर. महिला पुलिस थाना में एक पिता ने चार जनों के खिलाफ उसकी नाबालिग पुत्री से सामूहिक बलात्कार करने मामला दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार फरड़ौद निवासी एक व्यक्ति ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री गत दिनों अपनी मौसी के पास नागौर आई थी। यहां के मूण्डवा चौराहा के पास गत 12 मार्च को पीपाड़ तहसील के बेनण निवासी राकेश पुत्र शम्भाराम साटिया, पीपाड़ निवासी छोटूराम पुत्र दल्लाराम साटिया व दो अन्य दरिंदों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। बुधवार को पीडि़ता का मेडिकल करवाया जाएगा।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र प्रताप बेनीवाल ने सुनाया फैसला
नागौर. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र प्रताप बेनीवाल ने दहेज प्रताडऩा के एक मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए उसे 2 वर्ष के कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। प्रकरण के अनुसार 21 दिसम्बर 2009 को परिवादी नूरजहां ने अधिवक्ता राजेन्द्रसिंह राठौड़ के मार्फत न्यायालय में इस आशय का एक परिवाद पेश किया कि 26 अप्रेल 2005 को उसका विवाह मूण्डवा निवासी सिकंदर पुत्र शहाबुद्दीन तेली के साथ हुआ था। शादी के बाद उसे दहेज के लिए तंग परेशान किया जाने लगा।
विवाह के समय उसके पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार सोने-चांदी के जेवरात व घरेलू सामान उपहार के रूप में उसे दिए थे। कुछ दिनों बाद सिकंदर ने उसे दहेज के लिए तंग – परेशान करना शुरू कर दिया और घर से निकाल दिया। इसके बाद 26 जनवरी 2009 को उसके पिता ने सिकंदर को नागौर बुलाया और 40 हजार रुपए भूरे खां व इस्माइल खां के सामने दिए। तत्पश्चात सिकंदर उसे वापस घर ले गया। कुछ दिनों के बाद आरोपी ने फिर से उसे दहेज के लिए परेशान कर मारपीट करना शुरू कर दिया।
इस दौरान 25 नवम्बर 2009 को उसे 50 हजार रुपए व मोटरसाइकिल देने की मांग को लेकर ससुराल से निकाल दिया। 17 दिसम्बर 2009 को सिकंदर, शहाबुद्दीन, सदीक, पप्पू व सलीम उसके पिता के घर आए तथा कहा कि सिकंदर को मोटरसाइकिल दिलवा दो। इसके बाद वे दहेज की मांग नहीं करेंगे। इस पर उसके पिता ने मोटरसाइकिल दिलवाने से इंकार कर दिया तो वह नाराज हो कर चले गए और उसे तलाक देने की धमकी दी। इस पर उसने न्यायालय में परिवाद पेश कर न्याय की गुहार लगाई। इस परिवाद पर सुनवाई करते हुए न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। कोतवाली पुलिस ने जांच कर आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क एवं पत्रावली के अवलोकन के बाद आरोपी सिकंदर को दहेज प्रताडऩा का दोषी मानते हुए उसे 2 वर्ष के साधारण कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।

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