स्वामी विवेकानंद ने बालिका शिक्षा को लेकर कहा था- बालिकाओं को पढऩे दो, वे तुम्हें बता देगी कि सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए क्या कुछ करना होगा। बेटी की हल्की सी मुस्कान
नेहरा ने बताया कि जहां तक बेटी की खुशी की बात है तो मैं यही कहना चाहूंगा कि दिल का मन मयूर उसकी खुशी में नाच उठता है और ईश्वर को बार-बार धन्यवाद देने को मन करता है।
उनका कहना है कि बेटी को किसी तकलीफ व परेशानी में देखकर ऐसा लगता है कि कोई मेरा कलेजा ही निकाल रहा है और दिल बैचेन सा हो जाता है। पिछले दिनों की बात है, मैं एक दिन सूरत की यात्रा पर था, रेलगाड़ी में यात्रा के दौरान मैंने न्यूज क्लिप में सुना कि सूरत डीसीपी विधि चौधरी तथा कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को दंगा रोकने के दौरान गंभीर चोटें आई हैं तथा अस्पताल ले जाना पड़ा। यह काफी देर रात्रि को पता चला, इसलिए मैं बिटिया से बात भी नहीं कर पाया। मुझे रात भर नींद नहीं आई। सुबह जल्दी सूरत रेलवे स्टेशन पर मेरा एक मित्र मुझे रिसीव करने आया तो मैंने मिलते ही उसे विधि के बारे में पूछा। जब उसने बताया कि ठीक है, हल्की चोट लगी है, तब जान में जान आई।