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नागौर

सुबह से सूनी पड़ी सड़क पर शाम को जीत का शोर

वाहनों की आवाजाही बंद तो थोड़ी-थोड़ी दूरी पर तैनात पुलिस अफसर-जवान। सूनी सड़क पर राहगीरों की ना चहल-पहल थी ना गाडिय़ों की चिल्लपो

नागौरJun 05, 2024 / 08:44 pm

Sandeep Pandey

मिर्धा-माडी बाई गल्र्स कॉलेज का आंखों देखा हाल

सूनी सड़क पर राहगीरों की ना चहल-पहल थी ना गाडिय़ों की चिल्लपो

नागौर. वाहनों की आवाजाही बंद तो थोड़ी-थोड़ी दूरी पर तैनात पुलिस अफसर-जवान। सूनी सड़क पर राहगीरों की ना चहल-पहल थी ना गाडिय़ों की चिल्लपो, बीआर मिर्धा कॉलेज-माडी बाई गर्ल्स कॉलेज के बाहर मुख्य सड़क पर जगह-जगह लगे अवरोधक, कॉलेज यानी मतगणना केन्द्र में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति का पास चैक करने की पुलिसिया कवायद जोरों पर थी। इस बीच धूप के तीखे तेवर से बचने की जद्दोजहद करते पुलिसकर्मी भी दिखे। कुछ के लिए टैन्ट था तो कुछ इधर-उधर पेड़ तलाशते मिले। इस सन्नाटे को चीरा शाम को विजय के शोर ने।
मंगलवार की सुबह और दिनों से कुछ अलग थी। नागौर लोकसभा सीट के चुनाव की मतगणना होनी थी, उसके लिए कड़े इंतजाम थे। अलग-अलग विधानसभा वार काउंटिंग के लिए आए राजनीतिक दलों के एजेंट भी पूरी मुस्तैदी के साथ दिखे। हर किसी की तीन बार चैकिंग होती रही, इस दौरान इक्का-दुक्का पुलिसकर्मी से बहसबाजी भी दिखाई दी। मिर्धा कॉलेज सभागार में मीडिया सेंटर था तो बाहर अलग-अलग होने वाली विधानसभा वार काउंटिंग, साथ में चाय-नाश्ते का इंतजाम, खुद के खर्चे पर उपलब्ध था।अभी रुझान आने शुरू नहीं हुए थे पर वहां मौजूद एजेंट हों या पुलिसकर्मी के अलावा अन्य कार्मिक, रिजल्ट पर कयास लगा रहे थे।
जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित, एसपी नारायण टोगस के साथ मिर्धा कॉलेज के प्रिंसिपल रूम से पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करने में जुटे थे। कॉलेज के मुख्य द्वार पर एएसपी नूर मोहम्मद व सीओ उम्मेद सिंह ने मोर्चा संभाल रखा था तो कोतवाली सीआई मनीष देव व सदर सीआई अजय कुमार मीणा समेत अन्य अफसर भी अपने-अपने मोर्चे पर जुटे रहे।
मुद्दों पर चर्चा, वोटों की गणित

यहां कहीं अलग-अलग पार्टी के एजेंट बातचीत में परिणाम की संभावना पर बातचीत करते दिखे। अपने-अपने समर्थन में मुद्दे गिनाने के साथ काम बताने में लगे रहे। और तो और अपने प्रत्याशी की जीत का दावा भी करते दिखे और इस पर भी जोर दिया कि उसे ही जीत क्यों मिलेगी। और तो और अपने प्रत्याशी की जीत का दावा भी करते दिखे और इस पर भी जोर दिया कि उसे ही जीत क्यों मिलेगी।
गर्म हवा के थपेड़े, कितनी देर और

बारी-बारी से रुझान मिलने लगे थे, मीडिया सेंटर में शोर-शराबे के बीच कभी कलक्टर तो कभी जन प्रतिनिधियों का भी आना-जाना रहा। यहां लगे टीवी पर देशभर की सीटों के परिणाम बताए जा रहे थे तो यहां की टीम नागौर सीट की राउण्ड वार काउंटिंग साझा कर रही थी। दोपहर तीन बजे तक भी जब परिणाम नहीं निकला तो कॉलेज के मुख्य द्वार पर बैठे पुलिस अफसर बाहर आते किसी भी कार्मिक से यह जरूर पूछते कि कितनी देर और लगेगी। उनका कहना भी सही था कि ऊपर तो टैंट है पर इधर-उधर से आ रही गर्म हवाओं के थपेड़े कब तक सहना पड़ेगा।
कहीं स्लो तो कहीं ईवीएम खराब

मकराना-नावां के साथ परबतसर की काउंटिंग अन्य विधानसभा की तुलना में अधिक धीमी थी। यही नहीं दो-चार ईवीएम काउंटिंग से पहले गड़बड़ा गईं तो उन्हें दुरुस्त करवाया गया। काउंटिंग वाले कमरे में भीड़ भी ठसाठस दिखी। इस मतगणना में नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले के करीब नौ सौ पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात किए गए।

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