
नागौर. कुदरत भी कभी-कभी ऐसे कहर ढहाती है, जिससे इंसान पूरी तरह टूट जाता है, ऐसी ही कुदरत की मारी दो बच्चों की विधवा मां को संभालने के लिए युवाओं ने मुहिम शुरू की है, जिसके तहत हर कोई अपना आर्थिक सहयोग देकर विधवा मां के जख्म भरने की कोशिश में जुटा है। कोई एक रुपए का सहयोग कर रहा है तो कोई एक हजार का, लेकिन मुहित जारी है।
जी हां, भटनोखा गांव की सोनू मेघवाल पर पिछले दो साल में दो बार ऐसी बिजली गिरी कि वह पूरी तरह टूट गई। 32 साल की उम्र में सोनू पर ऐसी विपत्तियां आई कि उसे झकझोर कर रख दिया। सोनू के पति बासनी निवासी भुटाराम बारूपाल की दो साल पहले सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई। पति की मौत से पहले सोनू के दो बच्चे हुए मोहित व विजय। पति की मृत्यु के बाद ससुराल में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर सोनू का भाई सुभाष उसे अपने घर ले आया। सोनू दोनों बच्चों को बड़ा करने की जिम्मेदारी व एक नई उम्मीद के सहारे भाई के साथ ही मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन करने लगी। अभी पति की मौत का गम पूरी तरह भूल भी नहीं पाई कि गत दिनों बारिश के दौरान मकान का एक हिस्सा ढहने से दबकर बड़े बेटे मोहित (13) की मौत हो गई। हादसे में छोटा बेटा विजय व भाई सुभाष भी घायल हो गए, जिन्हें अब अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।
एक रुपए से हुई शुरुआत, एक लाख पार हो गई
विधवा सोनू मेघवाल की मदद के लिए नाड़सर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता व वरिष्ठ अध्यापक गणपत मेघवाल, चेनार निवासी मेड़ता कोर्ट के रीडर दिनेश कुमार पंवार, कुचेरा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता श्रवणराम ढल, नागौर उज्ज्वल कोचिंग संस्थान के निदेशक दिनेश मिर्धा, रिंया श्यामदास के नन्दलालकड़ेला ने मुहिम शुरू की। इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के आह्वान पर करीब एक सप्ताह पहले की गई शुरुआत के तहत सबसे पहले एक बेरोजगार युवा ने एक रुपए का सहयोग दिया। इसके बाद पिछले किसी ने 100, किसी ने 500 तो किसी ने 1100 रुपए का सहयोग करके राशि को एक लाख पार कर दिया है। यह मुहिम जारी है। मुहिम चलाने वाले दिनेश मिर्धा ने बताया कि उनका उद्देश्य यह है कि सोनू का आशियाना वापस बनकर तैयार हो जाए।
Published on:
27 Aug 2024 11:39 am
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