script…आखिर कब तक मौत का दामन थामते रहेंगे खान श्रमिक, देखिए वीडियो | Video : Hundreds of mine worker Silkosees victim in khatu area | Patrika News
नागौर

…आखिर कब तक मौत का दामन थामते रहेंगे खान श्रमिक, देखिए वीडियो

बड़ीखाटू इलाके में सैकड़ों खान मजदूर सिलिकोसिस की गिरफ्त में, फरवरी-मार्च महीने में सिलिकोसिस से पांच श्रमिकों की मौत

नागौरMar 06, 2018 / 12:47 pm

shyam choudhary

Silkosees victim in mine worker

Hundreds of mine worker Silkosees victim in khatu area

बड़ीखाटू (नागौर). कस्बे में वैध और अवैध खानों में काम करने वाले सैकड़ों श्रमिक सिलिकोसिस से पीडि़त हैं। कई श्रमिक इस लाइलाज बीमारी के कारण मौत का शिकार हो गए हैं। नागौर जिले की खदानों में खनन कार्य से जुड़े श्रमिकों का इस बीमारी से ग्रस्त होने का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पिछले एक माह में ही पांच पीडि़त काल का ग्रास बन चुके हैं। बड़ीखाटू में खनन क्षेत्र में श्रमिक लगातार मर रहे हैं और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। इधर, खान मजदूर भी सिलिकोसिस बीमारी से बचाव के लिए डस्ट मास्क का उपयोग नहीं करते हैं। श्रमिकों के स्वास्थ्य को लेकर खान धारकों के साथ ही विभागीय अधिकारी भी पूरी तरह से लापरवाह बने हुए हैं। यही कारण है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद जिले की खदानों में नियमों की पालना नहीं हो रही। मजदूरों को सुरक्षा उपकरण तक नहीं मुहैया नहीं कराए जा रहे। जिले में एक हजार से ज्यादा श्रमिक प्रमाणित न्युमोकोनिओसिस बोर्ड गठित होने के बाद से अब तक जिले के एक हजार से ज्यादा खान श्रमिक सिलिकोसिस की रोग से प्रमाणित हो चुके हैं। सैकड़ों श्रमिक अब भी जांच के इंतजार में है। इतना ही नहीं बड़ी खाटू, मकराना में हजारों श्रमिकों के प्रमाण पत्र लम्बित पड़े हैं।
न्युमोकोनिओसिस बोर्ड के आंकड़े
2016-17 में 912 श्रमिक प्रमाणित
1000 को दिए सिलिकोसिस रोगी प्रमाण पत्र
80 के करीब अब तक मौत
57 पीडि़त गम्भीर

मिले सरकारी सुविधा का लाभ
खान मजदूर सुरक्षा अभियान ट्रस्ट के जिला समन्यवक घनश्याम जनागल ने बताया कि खान मजदूर सुरक्षा अभियान ट्रस्ट, जोधपुर 2013 से सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए काम कर रहा है। ट्रस्ट खान मजदूरों के लिए शिविर लगाकर उन्हें सिलिकोसिस रोग के संबंध में जागरूक करने का कार्य करता है। ट्रस्ट खान व स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन को खान मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराता है। इसमें खान मजदूर की सुरक्षा, पेंशन योजना, श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगवाना आदि कार्य किए जाते हैं। खान मजदूर एकता संगठन के अध्यक्ष सुखाराम चौधरी के अनुसार 418 सिलिकोसिस प्रमाणित खान मजदूर व 57 मृतक के दस्तावेज खनिज विभाग नागौर में जमा करा दिए हैं, लेकिन सहायता राशि नहीं मिली है।
हरियाणा में मिलती है सहायता
हरियाणा सरकार के श्रम विभाग की अधिसूचना 4 जनवरी 2017 के तहत सिलिकोसिस पुनर्वास पेंशन योजना के तहत चार हजार रुपए प्रतिमाह व सिलिकोसिस मरीज मौत बाद उसके परिजन को 35 सौ रुपए प्रतिमाह पेंशन सहित कई सुविधाएं सिलिकोसिस पीडि़तों मिल रही हैं। जबकि राजस्थान में सरकार सिलिकोसिस पीडि़तों की सहायता में विफल साबित हो रही है।
न बजट दे रहे, न गाड़ी आ रही
खनन क्षेत्रों में सिलिकोसिस मरीजों के लिए पहले जिले में प्रत्येक शुक्रवार को मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) की गाड़ी आती थी, जो अजमेर व नागौर के लिए दी गई थी। लेकिन सरकार द्वारा बजट नहीं देने तथा गाड़ी खराब होने के कारण गत सितम्बर के बाद शिविर आयोजित नहीं हो सका। हमने इसके लिए कई पत्र भी लिखे, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
– डॉ. श्रवण राव, प्रभारी, जिला क्षय रोग केन्द्र, नागौर
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