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नागौर

लोकसभा में बोले सांसद बेनीवाल – जब चुनावी रैलियां हो रही हैं तो सेना भर्ती रैलियां क्यों नहीं

संसद में गूंजा सेना भर्ती की लम्बित लिखित परीक्षाओं का मुद्दा- राजस्थान में हुई सेना भर्तियों की परीक्षाएं करवाने व नई सेना भर्ती रैलियों के आयोजन को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल ने किया रक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित

नागौरDec 07, 2021 / 09:22 pm

shyam choudhary

MP Hanuman Beniwal in Lok Sabha

MP Beniwal said in Lok Sabha – When election rallies are being held, why not army recruitment rallies

नागौर. प्रदेश में पिछले काफी समय से लम्बित सेना भर्ती की लिखित परीक्षाओं तथा नई सेना भर्ती रैलियां करवाने का मुद्दा सोमवार को संसद में गूंजा। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को लोकसभा के शून्यकाल में राजस्थान में नई सेना भर्तियों का आयोजन करने व पूर्व में हो चुकी भर्तियों की लंबित परीक्षा को करवाने की मांग की। सांसद बेनीवाल ने कहा कि जब देश-प्रदेश में चुनावी एवं राजनीतिक रैलियां हो रही हैं तो फिर युवाओं को रोजगार देने वाली सेना भर्ती रैलियां क्यों नहीं करवाई जा रही हैं।
सांसद ने कहा कि राजस्थान में जोधपुर सेना भर्ती कार्यालय की ओर से उदयपुर में 8 से 27 फरवरी 2021 तक 11 जिलों के लिए सेना भर्ती आयोजित करवाई थी, जिसमे बाड़मेर, जैसलमेर, सिरोही, जोधपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, प्रतापगढ़, पाली व जालौर सहित नागौर जिले के अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इस भर्ती में ग्राउंड फिट युवाओं की लिखित परीक्षा 25 अप्रेल को होनी थी, लेकिन अब तक करीब 7 बार इस लिखित परीक्षा को स्थगित किया जा चुका है। अब तक यह परीक्षा नहीं हुई है। वहीं सांसद ने कहा कि प्रदेश के जयपुर सेना भर्ती कार्यालय की ओर से जयपुर में 31 मार्च 2021 और कोटा सेना भर्ती कार्यालय की ओर से 11 जुलाई से 2 अगस्त 2021 तक अजमेर में सेना भर्ती रैली करवाई थी। इन दोनों भर्ती की लिखित परीक्षा भी अब तक नहीं कराई गई है। कोटा एआरओ की भर्ती में अजमेर, बारां, बूंदी, भीलवाड़ा, चितौडगढ़़, झालावाड़, कोटा एवं राजसमंद जिलों के अभ्यर्थियों की भर्ती हुई। साथ ही इसी भर्ती में कुछ पदों पर पूरे प्रदेश के युवाओं ने भाग लिया था। इसी तरह जयपुर सेना भर्ती में जयपुर, सीकर और टोंक जिले के युवाओं ने भाग लिया था, लेकिन अब तक इन तीनों सेना भर्तियों की लिखित परीक्षा नहीं कराई गई है, इसलिए परीक्षाएं जल्द से जल्द कराई जाएं।
2020 में भर्ती कराई नहीं और 21 भी बीत रहा
रिक्रूटिंग वर्ष 2020 के तहत प्रदेश के पांच में से सिर्फ तीन सेना भर्ती कार्यालय जयपुर, जोधपुर और कोटा के अंतर्गत आने वाले जिलों के युवाओं की ही सेना भर्ती कराई गई, जबकि शेष दो सेना भर्ती कार्यालय अलवर और झुंझुनूं की सेना भर्ती नहीं कराई गई। इसमें अलवर सेना भर्ती में प्रदेश के भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर के युवाओं की भर्ती नहीं हुई। वहीं झुंझूनूं सेना भर्ती कार्यालय के तहत आने वाले हनुमानगढ़, गंगानगर, चुरु, झुंझुनूं और बीकानेर जिले के युवाओं के लिए वर्ष 2020 में सेना भर्ती नहीं कराई गई। अब साल 2021 भी खत्म होने को आया है और अभी तक भी इनकी सेना भर्ती नहीं कराई गई है। ऐसे में देश सेवा का जज्बा लिए हजारों युवा समय पर सेना भर्ती नहीं होने से ओवरएज हो रहे हैं, इसलिए इन युवाओं को कम से कम दो साल उम्र में छूट प्रदान की जाए।
नकली दवाओं पर लगे लगाम
सांसद बेनीवाल ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रीय औषध शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2021 पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि भारत वैश्विक फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, यदि सही कदम उठाए जाएं और उपयुक्त तरीके से संपोषण किया जाए तो भारत वैश्विक फार्मास्यूटिकल बाजार में अग्रणी देश बन सकता है, उन्होंने कहा कि भारत के फार्मा सेक्टर में जो समस्याएं हैं, उनके समाधान पर गौर करने की जरूरत है, क्योंकि भारत श्रमशक्ति और प्रतिभा के मामले में तो समृद्ध है, लेकिन फिर भी नवाचार अवसंरचना के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। सांसद ने कहा कि आज नकली दवाओं का बढ़ता कारोबार बहुत बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि दवा का नकली कारोबार कोरोना जैसे संकट काल में भी नकली रेमडेसिविर बेचने वाली सूरत की गैंग से खुलासा हुआ है कि कोरोना की दूसरी लहर में आरोपी एक लाख से ज्यादा नकली इंजेक्शन पूरे देश मे विक्रय कर चुके थे। उन्होंने कहा कि भारत समेत लोअर और मिडिल इनकम आय वाले देशों में नकली दवाओं का कारोबार 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो चिंताजनक है, इसलिए कड़े कानून की जरूरत है।
फार्मासिस्ट की सुनिश्चितता हो
सांसद ने कहा कि फार्मासिस्ट हेल्थ केयर सिस्टम में डॉक्टर व मरीज के मध्य संयोजक की कड़ी माना जाता है। ऐसे में उनके स्थाई रोजगार, सरकारी चिकित्सा संस्थानों में उनकी पद वृद्धि व सरकारी संस्थानों में उनकी अनिवार्य उपलब्धता को लेकर राज्य पालना करे, इसकी सुनिश्चितता करने की जरूरत है।
एम्स जोधपुर के निदेशक की कार्यशैली पर उठाए सवाल
सांसद ने राजस्थान के जोधपुर स्थित एम्स अस्पताल के निदेशक की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एम्स जोधपुर में संविदा आधारित भर्तियो में भारी गड़बडिय़ों हुई है, जिसकी जांच करवाई जाए। उन्होंने एम्स अस्पताल के चिकित्सक द्वारा आत्महत्या कर लेने तथा कोरोना के दौरान एम्स में हुई सर्वाधिक मौतों पर भी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आकर्षित किया।

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