दरअसल मामला नर्मदा में चल रहे अवैध खनन से जुड़ा है। इतना ही नहीं खनन माफिया नर्मदा में जेसीबी लगा कर बड़े पैमाने पर खनन कर रहे हैं। ये सब तब हो रहा है जब स्टेट लेवल एनवायरमेंट इम्पेक्ट अनायलिसिस अथारिटी ने नर्मदा नदी में मशीनों से रेत खनन पर पाबंदी लगाई हुई है।
ऐसे में नर्मदा में हो रहा अवैध खनन और खास तौर पर जेसीबी से हो रहे खनन को लेकर अब तक कांग्रेसी ज्यादा मुखर रहे। अन्य विपक्षी दलों ने भी कई बार यह मुद्दा उठाया। लेकिन जिला प्रशासन की चुप्पी से खनन माफिया का हौसला बढ़ता ही जा रहा है। यह बीजेपी के राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी को भी नागवार गुजरा। लिहाजा वह इस मुद्दे पर मिलने के लिए कलेक्टर के पास पहुंच गए।
भाजपा सांसद सोनी ने कलेक्टर से पूछा कि आखिर किस नियम के तहत नर्मदा नदी में मशीनों से रेत का खनन किया जा रहा है। कहा कि नर्मदा के शगुन, कुड़ी, धरमपुरी जैसे घाटों पर जब सरकार ने रेत खनन पर पाबंदी लगाई हुई है तो फिर माफिया कैसे यहां पर रेत निकालकर तटों को बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने माफिया के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की मांग की।
भाजपा सांसद ने कहा कि अवैध रूप से भंडारित रेत को जब्त कर इसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों तथा शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत जो निर्माण कार्य चल रहे हैं उनमे इसका इस्तेमाल किया जाए। ठेकेदारों को सस्ते दर पर रेत उपलब्ध कराई जाए। करीब आधा घंटे की मुलाकात के बाद कलेक्टर वेदप्रकाश ने सांसद सोनी को आश्वस्त किया कि 2 दिन में जहां-जहां अवैध खनन किया जा रहा है उस पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। माफिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर यथासंभव उनकी गिरफ्तारी और जुर्माना आदि की कार्रवाई की होगी।
बता दें कि विपक्ष पहले से ही जिला खनिज अधिकारी और माफिया के बीच सांठ-गांठ का आरोप लगा रहा है। वो तो शगुन और कुड़ी आदि प्रतिबंधित घाटों पर अवैध खनन व रेत के अवैध भंडारण की शिकायत के बाद भी एफआईआर तक न दर्ज करने को लेकर जिला प्रशासन के विरुद्ध मुखर हैं। अब राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने भी अवैध रेत खनन पर खुल कर नाराजगी जताते हुए प्रशासन व खनिज विभाग पर हमला बोला है।