अब तक तीन हुए निलंबित
जानकारी के अनुसार पिछले तीन सालों में करीब ५५ लाख का दवा घोटाला किया गया है। जिसमें कई लोग शामिल हैं। कलेक्टर ने अपने स्तर पर जांच कराने के साथ ही शासन को पत्र लिखकर जांच का आग्रह किया था। जिस पर भोपाल से आए एक दल ने अलग से जांच कर अपनी रिपोर्ट विभाग के संचालक को दे दी है। इस रिपोर्ट पर विभागीय स्तर पर अलग से कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है। भोपाल से आए जांच दल को स्टोर में गंभीर अनियमितताएं मिली हैं और मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर के कुछ दवा विक्रेताओं की मिलीभगत सामने आई है। बताया गया है बिना दवा मंगाए ही लाखों के बिल पास किए गए हैं। कई महंगी दवाओं की कागजों में सप्लाई दिखा कर दवा विक्रेताओं को भुगतान कर दिया गया तो कई दवाएं बाहर से यहां आने के बाद दवा विक्रेताओं को बेच दी गईं। इस दवा घोटाले में कलेक्टर ने फार्मासिस्ट अमित तिवारी और स्टोर प्रभारी राजकुमार शिववेदी को पहले ही निलंबित कर दिया था, जबकि डॉ. विजय मिश्रा को सिविल सर्जन पद से हटा दिया था।