कविता कोना-दान रक्त का कर दो भाई दे दो जीवन दान।
Kavi Sammelan – जिंदगी बैठ मेरे पास तेरे साथ सेल्फी लू
रक्तदान सरसी छंद
आज मर रहा है वो देखो
नहीं बदन में रक्त।
जीवन के उसको लाले हैं
बुरा चल रहा वक्त।।
आज मृत्यु शैया पर लेटा
देखो रक्तविहीन।
काश कोई जीवन लौटा दे
तन मन से है हीन ।।
किसी आँख का तारा है वो
घर की जीवन डोर।
मिल जाता गर रक्त समय पर
पाता जीवन छोर।।
दान रक्त का कर दो भाई
दे दो जीवन दान।
रक्त से बढ़ कर नहीं जगत में
जीवन का आधान।।
वही कहाता ईश्वर है जो
देता जीवन दान।
रक्त दान कर तुम बन जाओ
कलयुग में भगवान।।
करो लाख ईश्वर की पूजा
नहीं मिले वरदान।
अपने रक्त का दान करो तुम
हों प्रसन्न भगवान।।
दान करोड़ों धन का देकर
नहीं मिलेगा पुण्य।
चंद रक्त की बूँदें दे दो
पुण्य मिले अक्षुण्य।।
आर्त कराहें सुनकर प्रियवर
द्रवित हुए गर आप।
रक्त दान का कर दो भाई
मिटें सभी संताप।।
बन कृतज्ञ जीवन भर कोई
अपना बने अनन्य।
मृत्यु को जीवन धन देकर
हो जाओगे धन्य।।
चंद रक्त की बूँदें देकर
कर दोगे अहसान।
तन मन से परिवार करेगा
जीवन भर सम्मान।।
रक्त की आशा में बैठा है
दुखी और लाचार।
चंद रक्त की बूँदें तेरी
जीवन का आधार।।
आओ प्यारे बंधु करें हम
आज सत्य संकल्प।
रक्त दान कर हम सब खोजें
जीवन भरे विकल्प।।
डॉ.सुशील शर्मा,वरि.अध्यापक
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