इस बीच जिले में और दो लोगों की कोरोना से मौत हो गई। इसमें एक शहडोर के धनपुरी निवासी 58 वर्षीय प्रौढ रहे तो दूसरे पांडवनगर निवासी 73 वर्षीय वृद्ध की भी जान चली गई। वृद्ध की मौत के बाद परिवार के लोगों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। दरअसल वो वृद्ध के शव की मांग कर रहे थे ताकि उनकी अंत्येष्टि कर सकें। वहीं अस्पताल प्रशासन कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कराने का तर्क दे रहा था।
इसे लेकर परिजन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के बीच टकराव की स्थिति बन गई। मामला ज्यादा तूल पकड़ता देख अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची सोहागपुर पुलिस ने मामले को शांत कराया। पुलिस ने परिवार वालों को समझाया कि कोरोना से जिस वृद्ध की मौत हुई है उसका शव परिजनों को नहीं दिया जा सकता। पुलिस के समझाने पर वो मान गए। फिर अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि सोमवार दोपहर बाद कोरोना प्रोटोकाल के तहत शव परिजनों को सौंपा गया, जिसका अंतिम संस्कार प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में हुआ।
वहीं दूसरे वृद्ध को रविवार की रात भर्ती कराया गया था। उनकी हालत ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें वेटीलेटर पर रखा गया था जहां सोमवार को मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज के वेंटिलेटर में अब भी आधा दर्जन से ज्यादा मरीज जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।
एक दिन में मिले 89 नए कोरोना संक्रमित सोमवार को जिले में फिर से कोरोना के 89 मामले सामने आए हैं। इनमें सर्वाधिक मरीज शहडोल के हैं। इन सभी मरीजों की सूची जिला स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है, जिसके बाद मरीजों को कॉल सेंटर से फोल लगाया जा रहा है। जिन मरीजों की हालत ज्यादा गंभीर होगी उन्हें मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भर्ती कराया जाएगा। इनमें से ज्यादा मरीजों को होम क्वारंटाइन करके ही रखा गया है।
जिला जेल में संक्रमण जिला जेल में संक्रमण तेजी से बढ़ गया है। 2 जेल कर्मियों के अलावा 5 बंदी फिर से संक्रमित हो गए हैं। इसके पहले जेल में कोरोना का संक्रमण फैला था जिसकी चपेट में कई बंदी आ गए थे। बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेल में बंदियों के उपचार में लापरवाही बरती जा रही है जिस कारण जेल में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है।