बताया जाता है कि कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद यूरिया घोटाले में जो लोग दोषी करार दिए गए हैं, उनके खिलाफ कृषि विभाग से तथ्यात्मक प्रतिवेदन समय पर पुलिस तक नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे प्रकरण में मुकदमा दर्ज होने की कार्रवाई में देर हो रही है।
बता दें कि गाडरवारा विधायक सुनीता पटैल द्वारा विधानसभा में इस मामले को उठाया गया था। उधर कांग्रेस ने इसे प्रदेश स्तर पर मुद्दा बना दिया। कांग्रेस नेता व पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने अपने ट्वीटर हैंडल पर भी जिले में हुए यूरिया घोटाले को सामने लाते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था। वहीं प्रदेश कांग्रेस ने अपने फेसबुक पेज पर भी यूरिया घोटाले की बाबत मीडिया में आई खबरों को रखा। इसके बाद से प्रदेश भर में नरसिंहपुर यूरिया घोटाला सुर्खियों में है। जिले के किसान भी इस घोटाले से आक्रोशित हैं और बारीकी से जांच कराने की मांग कर रहे हैं।