विकास में नरसिंहपुर के पिछडऩे और समस्याओं को लेकर मतदाताओं में नाराजगी है और वे इसे जाहिर करने में संकोच भी नहीं करते हैं। सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर कोमल प्रसाद शर्मा कहते हैं कि नेता बयानों में नरसिंहपुर को भारत का सेंटर प्वाइंट कहकर सीना फुलाते हैं, लेकिन ऐसा क्या किया कि यह जगह प्रतिष्ठित होती, इसका जवाब नहीं देते। वे कहते हैं कई जिलों में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं, लेकिन नरसिंहपुर की चर्चा तक भी नहीं हुई। यह नेतृत्व का नकारापन नहीं तो और क्या है। वहीं, कवि अशोक त्रिपाठी कहते हैं विधायक एक साल के लिए भी बन जाएं तो झट पेंशन बन जाती है, फिर सांसद बने तो दोहरी पेंशन की व्यवस्था है, लेकिन कर्मचारी 40 साल की सेवा के बाद हकदार नहीं है। यह अंधेरे में धकेलने जैसा है। पेंशनर समाज के अध्यक्ष एसके चतुर्वेदी कहते हैं कि पुरानी पेंशन को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही। यह घोर अन्याय है। तो किसान नेता देवेंद्र पाठक अब तक प्रदेश में गन्ना नीति बनने पर सवाल उठाते हैं। वो बताते हैं कि प्रदेश का 52 प्रतिशत गन्ना नरसिंहपुर जिले में तैयार होता है। पर सरकार ने किसानों को बिचौलियों के हवाले कर रखा है।
महीने में दौरे के बयान की चर्चा
केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने विजन पेश करते समय विधायक कार्यालय खोलने और लोगों की समस्या के निवारण के लिए केंद्र खोलने की घोषणा की थी। इसी दौरान उन्होंने कहा था कि उनके भाई यहां बैठेंगे और लोगों को सुनेंगे। वे भी महीने में एक बार यहां आएंगे। उनके इस बयान को कांग्रेस ने लपक लिया है। जो कह रहे हैं कि जब प्रत्याशी पहले से ही महीने में एक दिन ही क्षेत्र में आने की बात कह रहे हैं तो जीतने के बाद क्या मुंह दिखाएंगे। अब यह बयान प्रहलाद के लिए गले की फांस बना हुआ है।
मुख्य प्रतिद्वंद्वी
प्रहलाद पटेल, भाजपा
लाखन सिंह पटेल, कांग्रेस
प्रमुख मुद्दे
भाजपा की ओर से: प्रहलाद केंद्र में जलशक्ति राज्यमंत्री हैं तो वे जिले में नल जल योजना के हुए कामों को गिना रहे हैं। सनातन का कथित अपमान, कांग्रेस सरकार की गलतियां गिना रहे। नरसिंहपुर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का वादा।
कांग्रेस की ओर से: घोषणा-पत्र में शामिल गारंटी स्कीम का लाभ दिलाने का संकल्प। किसानों की कर्जमाफी, बिजली के मुकदमों की वापसी का दांव। नि:शुल्क शिक्षा, छात्रवृत्ति। गन्ना नीति बनवाने और किसानों को उचित मूल्य दिलाने का वादा।