इन आतंकियों ने करीब 4 दिनों तक 12 हमलों को अंजाम दिया था। मुंबई के ताजमहल पैलेस होटल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस समेत अन्य जगहों पर हुए हमलों में 15 देशों के 166 लोग मारे गए थे। इस हमले के भले ही 13 वर्ष बीत गए हों, लेकिन पाकिस्तान के रवैये में अब तक बदलाव नहीं आया है। अब तक पाकिस्तान इन हमलों के प्रति न्याय को लेकर ईमानदारी नहीं दिखा रहा है।
यह भी पढ़ेंः
Karnataka: फिर डरा रहा कोरोना, दोनों डोज लगवाने के बाद भी 66 कॉलेज स्टूडेंट निकले पॉजिटिव, दो हॉस्टल सील साल 2008 के मुंबई हमलों को 26/11 ब्लास्ट के रूप में भी जाना जाता है की वैश्विक तौर पर निंदा की गई थी। पाकिस्तान से पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों के साथ ही इन ब्लास्ट ने भारत सरकार को आतंकवाद विरोधी अभियानों के खिलाफ गंभीर रवैया अपनाने और इसके पहलुओं की फिर से जांच के लिए प्रेरित किया।
कसाब ने किया पाकिस्तान की नापक हरकतों का खुलासा
मुंबई हमलों में पकड़े गिए इकलौते जिंदा आतंकी कसाब ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए थे। कसाब ने बताया कि हमले का प्लान, उसका कॉर्डिनेशन और ऑपरेशन पाकिस्तान में मौजूद लश्कर और अन्य मॉड्यूल ने किया था।
देश में खुफिया एजेंसियों को दी गई गवाही में कसाब ने कहा था कि सभी हमलावर पाकिस्तान से आए थे और उनको कंट्रोल करने वाले भी सीमापार से ही काम कर रहे थे। नवाज ने भी माना पाकिस्तान का हाथ
मुंबई हमले के तत्काल बाद तो नहीं लेकिन करीब 10 वर्ष बाद पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने सनसनीखेज खुलासों की एक सीरीज में संकेत दिया था कि इस्लामाबाद ने 2008 के मुंबई हमलों में एक भूमिका निभाई थी।
इस वक्त मौजूद सबूत भी बताते हैं कि 26/11 के हमलों में पाकिस्तान के स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म का हाथ था।
खास बात यह है कि, ये तीन आतंकवादियों, अजमल कसाब, डेविड हेडली और जबीउद्दीन अंसारी की पूछताछ में साबित हुआ है।
पाकिस्तान ने नहीं दिखाई ईमानदारी
भारत ने सार्वजनिक मंत पर स्वीकृति के साथ ही पाकिस्तान के शामिल होने के कई सबूत पेश किए, लेकिन 13 साल बाद भी पाकिस्तान पीड़ितों को न्याय दिलाने में ईमानदारी नहीं दिखा रहा है।
यह भी पढ़ेँः
Cruise Drug Case: नवाब मलिक को कोर्ट से बड़ा झटका, नहीं कर सकेंगे वानखेड़े फैमिली पर बयानबाजी अमित शाह ने दी श्रद्धांजलिमुंबई हमले में जान गंवाने वालों को गृहमंत्री अमित शाह ने श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने सुरक्षाकर्मियों और उनके साहस को भी सलाम किया।