बॉम्बे हाई कोर्ट ( Bombay High Court ) के इस फैसले से वानखेड़े फैमिली को बड़ी राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला दिया।
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Delhi: दिल्ली विधानसभा के पैनल का कंगना रनौत को समन, सिख समाज को लेकर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाब मलिक और उनके परिवार को निर्देश दिया है कि अब वे वानखेड़े फैमिली के खिलाफ कुछ भी पब्लिश नहीं कर पाएंगे। यही नहीं कोर्ट ने साफ कहा या है कि सीधे तौर पर या फिर इशारों में भी परिवार के खिलाफ बयानबाजी नहीं की जाएगी।
9 दिसंबर तक लगी रोक
कोर्ट के आदेश के मुताबिक 9 दिसंबर तक नवाब मलिक अब वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ कोई पोस्ट शेयर नहीं करेंगे। कोर्ट की तरफ से ना सिर्फ नवाब मलिक को झटका दिया गया है, बल्कि तल्ख अंदाज में ये तक कहा गया कि ऐसी बयानबाजी उन्हें शोभा नहीं देती।
सुनवाई के दौरान जस्टिस जाधव ने कहा कि एनसीपी नेता VIP हैं जिसकी वजह से उन्हें इतने आसानी से सभी दस्तावेज मिल जाते हैं।
यह भी पढ़ेँः Mumbai Cruise Ship Drug Case: बढ़ेगी आर्यन खान की मुश्किल! जमानत को SC में चुनौती देने का प्लान बना रही NCB मलिक का आरोप- वानखेड़े ने तैयार किया मां का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश से पहले एनसीपी नेता नवाब मलिक ने गुरुवार को समीर वानखेड़े पर एक और निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े ने अपनी मां का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट तैयार करवाया।
उन्होंने वानखेड़े की मां के मृत्यु प्रमाण पत्र को साझा करते हुए आरोप लगाया कि एनसीबी अधिकारी ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं। मलिक ने आरोप लगाया कि जाहिदा दाऊद वानखेड़े के दो मृत्यु प्रमाण पत्र हैं। दोनों अलग-अलग धर्म के हैं।