खाप पंचायतें आज मुजफ्फरनगर में महिला पहलवानों के हक में जुटेंगी। पर खाप पंचायतें अपने तुगलकी फरमानों के लिए मशहूर हैं। बेटियों के लिए किए गए फरमानों पर अगर एक नजर डालेंगे तो चौंक जाएंगे। फिर मन में सवाल आएगा, क्या खाप पंचायतें बदल गईं हैं। बेटियों के हक के लिए मैदान में आ गईं हैं।
khap panchayat changed mind भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष और
भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ और महिला पहलवान के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा ने कमर कस ली है। खाप पंचायतें भी समर्थन में आ गईं हैं। यह खाप पंचायतें आज मुजफ्फरनगर में महिला पहलवानों के हक में जुटेंगी। पर खाप पंचायतें अपने तुगलकी फरमानों के लिए मशहूर हैं। बेटियों के लिए किए गए फरमानों पर अगर एक नजर डालेंगे तो चौंक जाएंगे। फिर मन में सवाल आएगा, क्या
खाप पंचायतें बदल गईं हैं। सिर्फ बेटियों के हक के लिए मैदान में आ गईं हैं।
खाप पंचायतें राजस्थान, हरियाणा और यूपी के पश्चिमी जिलों में बहुत असर रखती हैं। खाप पंचायतों का इतिहास बहुत पुराना है। यह पंचायतें एक गोत्र या फिर एक बिरादरी के लोग, कई गोत्रों के लोग या एक गोत्र के कई गांव मिलकर बनाते हैं। खाप एक गोत्र के पांच गांवों की हो सकती है या फिर 50 से भी ज्यादा गांवों की हो सकती है। वैसे खाप पंचायत में जाटों का दबदबा रहता है।