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‘जोश में होश बनाए रखने…’, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के तुरंत बाद क्यों बोले मोहन भागवत

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरान भागवत ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की वापसी के साथ, भारत का गौरव लौट आया है।

Jan 22, 2024 / 06:53 pm

Paritosh Shahi

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत ने लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में आरएसएस ने देशवासियों को एक बड़ी सलाह दी है और कुछ जिम्मेदारियां भी सौंपी हैं। अपने संबोधन में भगवत ने पीएम नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। मोहन भागवत ने संबोधन में कहा, “आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का गौरव लौट आया है। समूचे विश्व को कोविड जैसे त्रासदी से राहत देने वाला एक नया भारत खड़ा होकर रहेगा। आज का कार्यक्रम इसी प्रतीक है।’

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आरएसएस प्रमुख के भाषण की मुख्य बातें

– आज रामलला वापस फिर से आए हैं, पांच सौ वर्ष के बाद। जिनके त्याग, तपस्या, प्रयासों से आज हम यह स्वर्ण दिवस देख रहे हैं, उनका स्मरण प्राण-प्रतिष्ठा के संकल्प में हमने किया।

– आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्वर लौट कर आया है। पूरे विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला एक नया भारत खड़ा होके रहेगा। आज का कार्यक्रम इसका प्रतीक है।

– जोश की बातों में होश की बातें करने का काम मुझे सौंपा जाता है। श्री रामलला तो आ गए, अब रामराज्य लाने की जिम्मेदारी रामभक्तों की है।

– प्रधानमंत्री जी ने तप किया, अब हमें भी तप करना है। राम राज कैसा था, यह याद रखना है। हम भी भारत वर्ष की संतानें हैं। कोटि-कोटि कंठ हमारे हैं, जो जयगान करते हैं।

– हमें अच्छा व्यवहार रखने का तप-आचरण करना होगा। हमें भी सारे कलह को विदाई देनी होगी। छोटे-छोटे परस्पर मत रहते हैं, छोटे-छोटे विवाद रहते हैं। उसे लेकर लड़ाई करने की आदत छोड़नी पड़ेगी।

आगे संघ प्रमुख ने कहा कि सत्य कहता है कि सभी घटकों में राम हैं। हमें समन्वय से चलना होगा। हम सबके लिए चलते हैं, सब हमारे हैं, इसलिए हम चल पाते हैं। आपस में समन्वय रखकर व्यवहार रखना ही सत्य का आचरण है। करुणा दूसरा कदम है, जिसका मतलब है सेवा और परोपकार।

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