scriptबद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल सुबह 7.10 पर खुलेंगे | Badrinath Dham doors will open at 7.10 am on 27 April | Patrika News
राष्ट्रीय

बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल सुबह 7.10 पर खुलेंगे

Badrinath Dham बदरीनाथ धाम शीतकाल में 19 नवंबर को बंद कर दिया गया था। बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान बद्री विशाल के कपाट खेलने का मुहूर्त तय हो गया है। इस साल 27 अप्रैल को प्रात: 7.10 पर गुरु पुष्य योग में श्रद्धालओं के लिए कपाट खोले जाएंगे।

Jan 26, 2023 / 05:54 pm

Sanjay Kumar Srivastava

badrinath_dham.jpg

बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल सुबह 7.10 पर खुलेंगे

विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि तय हो गई है। गुरुवार को नरेंद्र नगर में बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान बद्री विशाल के कपाट खेलने का मुहूर्त तय किया गया। इस साल 27 अप्रैल को प्रात: 7.10 पर गुरु पुष्य योग में श्रद्धालओं के लिए कपाट खोले जाएंगे। बद्री विशाल का तेल कलश तिलों का तेल 12 अप्रैल को टिहरी नरेश के राज दरबार नरेंद्र नगर में पिरोया जाएगा और शोभा यात्रा प्रारंभ होगी। राजमहल नरेंद्र नगर में आयोजित धार्मिक समारोह में कपाट खुलने की घोषणा की गई। चमोली जिले में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम के कपाट पिछले साल शीतकाल के लिए 19 नवंबर को बंद हुए थे। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने बताया कि, बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पहले परम्परानुसार गाडू घड़ा नृसिंह मन्दिर से योग ध्यान मन्दिर पांडुकेश्वर पहुंचेगा। मंगलवार योग ध्यान मंदिर पांडुकेश्वर में भगवान उद्धव, कुबेर के मंदिर में गाडू घड़ा का पूजन किया जाएगा।
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1618576018410975232?ref_src=twsrc%5Etfw
अक्टूबर-नवंबर में बंद हो जाते हैं कपाट

बद्रीनाथ सहित चारधामों के कपाट सर्दियों में भीषण ठंड की चपेट में रहने की वजह से हर साल अक्टूबर—नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। फिर नए साल अप्रैल-मई में खुलते हैं। बद्रीनाथ मन्दिर में भगवान विष्णु के एक रूप ‘बद्रीनारायण’ की पूजा होती है। यहां उनकी 3 मीटर (3.3 फीट) लंबी शालिग्राम से निर्मित मूर्ति है। जिसके बारे में मान्यता है कि इसे आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में समीपस्थ नारद कुण्ड से निकालकर स्थापित किया था। इस मूर्ति को विष्णु के आठ स्वयं व्यक्त क्षेत्रों (स्वयं प्रकट हुई प्रतिमाओं) में से एक माना जाता है। बद्रीनाथ धाम देश के सबसे प्रसिद्ध और व्यस्त तीर्थस्थलों में से एक है।
बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम हो जाएंगे लुप्त

पुराणों के अनुसार, भविष्य में बद्रीनाथ के दर्शन नहीं होंगे क्योंकि मान्यता है कि जिस दिन नर और नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे। उस दिन के बाद बद्रीनाथ के दर्शन पूरी तरह बंद हो जाएंगे। बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम भी पूरी तरह लुप्त हो जाएंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जोशीमठ में स्थित नृसिंह भगवान की मूर्तिका एक हाथ साल दर साल पतला हो रहा है, जिस दिन यह हाथ लुप्त हो जाएगा। उस दिन बद्री और केदारनाथ धार्मिक स्थल भी लुप्त होना आरंभ हो जाएगा।

Home / National News / बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल सुबह 7.10 पर खुलेंगे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो