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भारत रत्‍न : PM मोदी सरकार ने सम्मान के साथ दिया संदेश, उत्तर से दक्षिण तक सब एक

Bharat Ratan Award: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 दिन में रिकॉर्ड पांच हस्तियों लालकृष्ण आडवाणी, कर्पूरी ठाकुर, पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एम.एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न की घोषणा कर देश की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर दी है। पढ़िए नवनीत मिश्र की विशेष रिपोर्ट…
 

Feb 10, 2024 / 04:46 pm

Anand Mani Tripathi

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मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh), एमएस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) और पीवी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) को भारत रत्न देकर किसान, विज्ञान और आर्थिक सुधार का सम्मान किया है लेकिन इससे स्वत: ही राजनीतिक संदेश भी गया है। PM नरेंद्र मोदी ने 15 दिन में रिकॉर्ड पांच हस्तियों को भारत रत्न की घोषणा कर देश की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर दी।

यह पहला मौका है, जब देश का सर्वोच्च सम्मान देने में बहुत बारीक रणनीति अपनाई गई और हर वर्ग का ख्याल रखा गया। शुक्रवार को जिन 3 नामों का ऐलान हुआ, उसमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन खेती-किसानी से गहरा नाता रहा है। चौधरी चरण सिंह जहां किसानों के सबसे बड़े नेता रहे तो स्वामीनाथन ने हरित क्रांति के जरिए देश में खेती-किसानों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाई। इन दोनों चेहरों के सम्मान से किसानों की सबसे बड़ी आबादी को सकारात्मक संदेश गया है।

साथ ही दो गैर भाजपाई पृष्ठिभूमि के चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा करने से राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि पीएम मोदी एक स्टेटमैन के तौर पर दलीय सीमाओं से परे जाकर योगय्ता को तरजीह देते हैं। रोचक है कि कर्पूरी ठाकुर के नाम के ऐलान से बिहार में नीतीश कुमार की जदयू एनडीए के साथ आ गई तो चौधरी चरण सिंह के नाम के बाद उनके पौत्र जयंत चौधरी ने भी भाजपा के साथ आने के खुलकर संकेत दिए।

पिछले दिनों कर्पूरी ठाकुर के जरिए जहां दलित और पिछड़ों को संदेश गया तो राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार लालकृष्ण आडवाणी के जरिए हिंदुत्ववादियों को भी साधने की कोशिश हुई। चरण सिंह के जरिए पार्टी ने किसानों को तो पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक रहे महान वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के जरिए प्रधानमंत्री ने दक्षिण भारत को भी साधने की कोशिश की है।

 


देश में किसानों के सबसे बड़े नेता के रूप में जाट चेहरे चौधरी चरण सिंह की पहचान रही है। यूपी, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली से लेकर कई राज्यों में फैले करीब साढ़े आठ करोड़ जाट राजनीतिक रूप से काफी सशक्त हैं। किसान आंदोलन फिर से खड़ा करने की कोशिश के बीच चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न के एलान से रालोद के एनडीए से जुड़ने के अलावा जाट समाज सहित किसान वर्ग का समर्थन हासिल हो सकता है।

 


जानकारों का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन के जरिए भाजपा को दक्षिण भारत की जनता का मर्म छूने की कोशिश की है। राव को भारत रत्न देकर सरकार ने यह भी जताने की कोशिश की है कि कांग्रेस ने इतने वर्षों तक उनकी उपेक्षा की। नरसिम्हा राव जहां आंध्र प्रदेश से नाता है तो एमएस स्वामीनाथन का तमिलनाडु से। भाजपा तमिलनाडु में विस्तार में जुटी है, ऐसे में स्वामीनाथन को भारत रत्न मिलने से भाजपा को जनसमर्थन में वृद्धि हो सकती है।

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