2024 के भारतीय आम चुनाव वर्तमान अल नीनो चरण से संक्रमण के साथ मेल खाते हैं, जो प्रशांत महासागर के गर्म होने के कारण देश में गर्मी और शुष्कता का कारण बनता है। पूर्वानुमानित ला नीना चरण हीटवेव का एक बड़ा खतरा पैदा करता है। चुनाव के दिनों में अधिक भीड़ और आश्रय स्थलों की कमी गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकती है। पिछले साल की गर्मी के मौसम की कठिनाई को देखते हुए, जहां कई लोगों की मौतें न केवल दिन के उच्च तापमान के कारण हुई, बल्कि अत्यधिक आद्र्रता के स्तर के कारण भी हुई। इसलिए सावधानी भी आवश्यक हैं। अप्रैल 2023 में नवी मुंबई में खुली हवा में एक सभा में 14 व्यक्तियों की गर्मी के कारण हुई मौतें एक भयानक चेतावनी थी। चुनाव के दौरान यदि सुरक्षा उपाय नहीं किए गए तो भयंकर दुष्परिणाम हो सकते है। गर्मी के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ही चुनाव संबंधी गतिविधियों जैसे-प्रचार और रैलियों की व्यवस्था की जानी चाहिए।
गर्मी के प्रति जागरूकता, सामुदायिक स्तर की तैयारियों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं की रिपोर्टिंग को बढ़ावा देकर हीटवेव से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य परिणामों को कम करना संभव है। आइएमडी के मौसमी अनुमानों के आधार पर, भारत के चुनाव आयोग (इसीआई) ने चुनावों से पहले ही हीट वेव एडवाइजरी जारी कर दी थी। भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर, ईसीआई ने गर्मी से संबंधित ‘क्या करें और क्या न करें’ की सूची दी है। चुनाव के दौरान मतदाताओं की सुरक्षा के लिए गर्मी से सुरक्षा के बारे में व्यापक सामुदायिक जागरूकता की आवश्यकता होगी। आयोजकों के साथ आम आदमी को भी प्रतिभागियों के रूप में जिम्मेदारी निभानी होगी। ऐसी सभाओं में भाग लेते समय, पर्याप्त मात्रा में पानी और छाता रखना महत्त्वपूर्ण है और लंबे समय तक बाहर रहने से बचना चाहिए। भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक प्रचार सभाओं के आयोजन और नियंत्रण के संबंध में अतिरिक्त नियम जारी किए हैं।
विशिष्ट निवारक उपायों को अपनाना महत्त्वपूर्ण है जो चुनाव अभियानों, रैलियों और चुनावों के दौरान व्यक्ति को फिट और स्वस्थ रहने में मदद करेंगे। प्रतिदिन सादा, हल्का भोजन करना आवश्यक है। ये खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ शरीर को उसके आदर्श ऊर्जा स्तर पर रखने और निर्जलीकरण से बचाने में सहायता करते हैं। जंक फूड और तले हुए खाद्य पदार्थों से दूर रहें क्योंकि इन्हें बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है और इन्हें पचने में काफी समय लगता है। मसालेदार खाना खाने से भी आपको गर्मी लग सकती है। बड़ी सभाओं, राजनीतिक रैलियों और चुनावी प्रक्रिया के दौरान भाग लेते समय, लोगों को हल्के, ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनने चाहिए और चौड़ी किनारी वाली टोपी या टोपी और धूप का चश्मा भी पहनना चाहिए। यदि लोगों को चक्कर आना, कमजोरी, चिंता, तीव्र प्यास या सिरदर्द जैसे लक्षण हैं, तो नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा में सहायता लेने की सलाह दी जाती है। तुरंत ठंडे वातावरण में जाना और अपने शरीर के तापमान को मापना महत्वपूर्ण है।भारी पसीना, चक्कर आना या मतली जैसे निर्जलीकरण या गर्मी की थकावट के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
समुदाय आधारित गैर सरकारी संगठनों को लोगों, विशेष रूप से बुजुर्गों, युवाओं, गर्भवती महिलाओं और बाहरी श्रमिकों को गर्मी से संबंधित बीमारियों की पहचान करने, रोकथाम के सुझाव और प्राथमिक उपचार के बारे में जागरूक करना चाहिए। आगामी चुनावी मौसम में, जब लाखों भारतीयों को मतदान करने के लिए खतरनाक तापमान सहना होगा, सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लोगों को गर्मी से संबंधित बीमारियों से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक जागरूकता अभियान और सक्रिय सामुदायिक तैयारी आवश्यक है। जनसंख्या पर अत्यधिक गर्मी के प्रभाव को कम करने का संकल्प लें। हमें याद रखना चाहिए कि गर्मी से बचाव के लिए किया गया हमारा हर कार्य मायने रखता है।