सीईओ चिराग पान ने कहा, हम एक साल तक छात्रा को सैनिटरी पैड मुफ्त में देंगे। यही नहीं उसकी पढ़ाई का खर्चा भी वहन करेंगे। वहीं दूसरी ओर एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए 20 वर्षीय छात्रा रिया ने कहा कि मेरा सवाल गलत नहीं था। मैं सैनिटरी नैपकिन की लागत पर सवाल उठा सकती हूं। कई गरीब लड़कियां हैं जो इसे नहीं खरीद सकती हैं। ऐसा लगता है कि मैडम (आईएएस हरजोत कौर बम्हरा) ने इसे दूसरे तरीके से लिया। हो सकता है कि वह हमें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही हो, ताकि हम सरकार पर निर्भर न रहे।
बीते बुधवार को ‘सशक्त बेटी समृद्ध बिहार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में छात्रा ने महिला विकास निगम की महाप्रबंधक हरजोत कौर बम्हरा से सवाल पूछा कि जब सरकार छात्रों को स्कूल ड्रेस, छात्रवृत्ति, साइकिल और कई अन्य सुविधाएं प्रदान कर रही है, तो क्या वह छात्राओं को 20 से 30 रुपये में सैनिटरी पैड नहीं दे सकती। यह सवाल सुनकर अन्य छात्र-छात्राओं ने तालियां बजायी।
सैनिटरी पैड की मांग पर अधिकारी ने कहा था, ”आज सरकार आपको 20 और 30 रुपये का सैनिटरी पैड भी दे सकती हैं, कल को जींस-पैंट भी दे सकती हैं, परसों को सुंदर जूते और अंत में परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में ही देना पड़ेगा, है ना, सब कुछ मुफ्त में लेने की आदत क्यों है।’ उस पर, छात्रा ने कहा कि सरकार उनके पास वोट मांगने आती है। बम्हरा ने गुस्से में जवाब दिया कि यह मूर्खता है। आप वोट मत करो और पाकिस्तान जाओ। आप सरकार को पैसा और सुविधाएं लेने के लिए वोट दे रहे हैं।