क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य तेलों के दाम में गिरावट का रुख मार्च में भी जारी रहा और मार्च 2023 के मुकाबले इसमें 11.72 प्रतिशत की नरमी रही। लेकिन, सब्जियों के दाम 28.34 प्रतिशत बढ़ने से आम गृहणियों का बजट गड़बड़ा गया। दालों के दाम 17.71 प्रतिशत बढ़े। मसालों की महंगाई दर 11.4 फीसदी रही। मार्च में अनाज 8.37 प्रतिशत, अंडे 10.33 प्रतिशत, मांस-मछली 6.36 फीसदी महंगी हुई। दूध के दाम भी 3.38 फीसदी बढ़े।
खुदरा महंगाई में नरमी की मुख्य वजह ईंधन एवं बिजली के दाम मार्च 2023 के मुकाबले 3.24 प्रतिशत कम होना रहा। केंद्र सरकार ने आम चुनाव से पहले एलपीजी और पेट्रोल की कीमतों में कटौती की थी।
रेपो दर स्थिर
खुदरा महंगाई अभी भी आरबीआई के मध्यावधि लक्ष्य चार प्रतिशत से ऊपर है और यही मुख्य कारण है कि केंद्रीय बैंक ने विकास को गति देने के लिए ब्याज दरों में कटौती नहीं की है। आरबीआई स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना चाहता है और उसने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षाओं में लगातार सात बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। आरबीआई ने 5 अप्रैल को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि उसे उम्मीद है कि इस साल सामान्य मानसून को देखते हुए 2024-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ जाएगी।