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देशद्रोह के वो 4 बड़े हाई-प्रोफाइल मामले जो सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से प्रभावित होंगे

Sedition Lawa Supreme Court: देशद्रोह कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि जबतक केंद्र इसपर समीक्षा नहीं कर लेता तब तक कोई नया मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। कोर्ट के इस फैसले का असर कई बड़े केस पर पड़ सकता है।

May 12, 2022 / 07:30 am

Mahima Pandey

high-profile sedition cases will affect by Supreme Court’s historic verdict

high-profile sedition cases will affect by Supreme Court’s historic verdict

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक देशद्रोह कानून पर केंद्र अपनी समीक्षा पूरी नहीं कर लेता तब तक इस कानून पर रोक रहेगी। जो लोग पहले से ही देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं वे जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस आदेश के बाद कई ऐसे मामले हैं जिनपर इसका असर पड़ सकता है लेकिन कुछ मामले काफी हाई प्रोफाइल भी हैं। इन मामलों पर भी इस फैसले का असर पड़ सकता है।
कौन से हैं वो बड़े मामले?
1. राणा दंपति
महाराष्ट्र सरकार ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग नहीं मानी तब नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद 23 अप्रैल को उन्हें मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उनके खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राणा दंपति कोर्ट का रुख कर अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का निपटारा करवा सकते हैं।
2. पत्रकार फरहाद शाह
कश्मीर वाला ऑनलाइन पत्रिका के प्रधान संपादक फरहाद शाह को देशद्रोह के मामले में पुलवामा पुलिस गिरफ्तार किये गए थे। फरहाद शाह पर आरोप है कि वो सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें पोस्ट करता है जो राष्ट्र हित और सुरक्षा के खिलाफ है। फरहाद अब अपने ऊपर लगाए गए देशद्रोह के मामले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।
3.कांग्रेस नेता अजय राय
कांग्रेस नेता अजय राय पर वाराणसी पुलिस ने 5 फरवरी को एक जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद वाराणसी पुलिस ने उनके खिलाफ 5 फरवरी को ही देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। ये मामला कोर्ट तक पहुँच चुका है। 10 फरवरी को उनकी जमानत याचिका भी स्थानीय कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर अब अजय राय पर दर्ज मामले में भी हो सकता है।
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4. कश्मीर के 3 इंजीनियरिंग छात्रों पर दर्ज देशद्रोह का मामला
पिछले साल अक्टूबर में, आगरा पुलिस ने तीन कश्मीरी इंजीनियरिंग छात्रों, अर्शीद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनई को T20 विश्व कप में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने और व्हाट्सएप पर “भारत विरोधी” मैसेज के लिए गिरफ्तार किया था। जिसके बाद इनके खिलाफ देशद्रोह के तहत मामला दर्ज किया गया था। ये तीनों ही छात्र पीएम की विशेष छात्रवृत्ति योजना के लाभार्थी भी थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर इस मामले में भी देखने को मिल सकता है।
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बता दें कि देशद्रोह के मामलों में हर साल बढ़ोतरी देखने को मिली है। वर्ष 2016 में 35 मामले जोकि 2017 में बढ़कर 51 हो गए। इसके बाद ये मामले 2018 में बढ़कर 70 हो गए। काफी लंबे समय से देशद्रोह कानून को खत्म करे को लेकर बहस होती रही है। वर्ष 2019 के आम चुनावों में ये चुनावी मुद्दा भी बना था।

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