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One Nation One Election में बीजेपी को अपने ही सांसदों का नहीं मिला साथ, गडकरी समेत ये रहे अनुपस्थित, अब उठाया यह बड़ा कदम

One Nation One Election: एक राष्ट्र-एक चुनाव की वोटिंग के समय लोकसभा में गैरहाजिर रहने वाले सांसदों को बीजेपी नोटिस भेजेगी। नितिन गडकरी, गिरिराज सिंह समेत करीब 20 सांसद सदन से अनुपस्थित थे।

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one nation one election

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One Nation One Election: लोकसभा में मंगलवार को वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक (One Nation One Election) को पेश किया गया। इस विधेयक के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट दिया जबकि विरोध में 198 मत पड़े। हालांकि इस दौरान बीजेपी के कई सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। गैर हाजिर रहने वाले सांसदों को नोटिस भेजेगी। बताया जा रहा है कि बीजेपी के 20 से ज्यादा सांसद वोटिंग के समय मौजूद नहीं थे। बता दें कि बीजेपी ने अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था।

ये सांसद रहे अनुपस्थित

वन नेशन वन इलेक्शन पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और गिरिराज सिंह समेत करीब 20 सांसद अनुपस्थित थे। पार्टी ने कहा कि जो सांसद बिना अनुमति के लोकसभा में गैरहाजिर रहेगा, उसे कारण बताओ नोटिस का जवाब देना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सांसद को यह बताना होगा कि पार्टी द्वारा लोकसभा में व्हिप जारी करने के बाद भी वे गैरहाजिर क्यों थे।

JPC को भेजा बिल

मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को पेश किया था। लोकसभा में जोरदार हंगामे के बीच बात डिवीजन तक पहुंची और इसके बाद ये बिल सदन में पेश हो सका। वन नेशन वन इलेक्शन पर राजनीतिक पार्टियों के सुर अलग-अलग सुनाई दिए। 

बिल पर सरकार को बहुमत नहीं मिला-कांग्रेस

कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर कहा कि लोकसभा में सरकार को बिल के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए था, लेकिन सिर्फ 269 वोट मिले, इसके विरोध में 198 वोट पड़े। ये बिल जरूरी बहुमत नहीं जुटा सका है।

15 पार्टियों ने बिल का जताया विरोध

वन नेशन वन इलेक्शन बिल का 32 राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। इसमें जगन मोहन रेड्डी की YSRCP, के चंद्रशेखर राव की बीआरएस और AIADMK जैसी पार्टियां भी शामिल हैं। बता दें कि ये तीनों पार्टियां किसी भी गठबंधन एनडीए और इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं हैं। इसके अलावा 15 पार्टियों ने इस विधेयक का विरोध किया है। इसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), सपा, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके जैसी पार्टियां शामिल हैं।

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