scriptWatch Video: रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल पुष्पक की सफल लैंडिंग, इसरो के प्रयोग से रॉकेट लॉन्चिंग होगी सस्ती | India's 21st Century Pushpak 'Viman' Successfully Launched ISRO | Patrika News
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Watch Video: रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल पुष्पक की सफल लैंडिंग, इसरो के प्रयोग से रॉकेट लॉन्चिंग होगी सस्ती

India’s 21st Century Pushpak ‘Viman’ Successfully Launched ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को पूर्णत: रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) की सफलतापूर्वक लैडिंग कराई।

नई दिल्लीMar 23, 2024 / 07:04 am

Anand Mani Tripathi

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India’s 21st Century Pushpak ‘Viman’ Successfully Launched ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को पूर्णत: रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (आरएलवी) की सफलतापूर्वक लैडिंग कराई। चित्रदुर्ग स्थित चल्लकेरे एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में यह दूसरा लैडिंग परीक्षण (आरएलवी एलईएक्स-02) किया गया। इस स्वदेशी स्पेस शटल का नाम पुष्पक रखा गया है। इस तकनीकी की मदद से रॉकेट लॉन्चिंग की लागत काफी कम आएगी।

इसरो ने बताया कि परीक्षण के लिए भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर चिनूक से डेल्टा विंग वाले आरएलवी (पुष्पक) को रन-वे से 4 किमी की दूरी और 4.5 किमी की ऊंचाई से सुबह 7.10 बजे छोड़ा गया। यान के समक्ष ऐसी परिस्थितियां पैदा की गई कि उसे क्रॉस-रेंज और डाउन-रेंज काफी कठिन मैनुवर करते हुए स्वचालित तरीके से रन-वे पर लैंड करना था।

हेलीकॉप्टर से छूटने के बाद यान ने स्वचालित नेविगेशन प्रणाली का उपयोग करते हुए स्वत: रन-वे का रुख किया। ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम का उपयोग करते हुए यान ने सटीक लैंडिंग की और निर्धारित सीमा के भीतर रूक गया। इस दौरान सभी प्रयोग सफल रहे। इस मिशन में भी पहले मिशन (आरएलवी एलईएक्स-01) के ही विंग, बॉडी और उड़ान प्रणालियों का फिर से प्रयोग किया गया।

 

https://twitter.com/isro/status/1771019745523032133?ref_src=twsrc%5Etfw
भारत अमरीका के स्पेस शटल की तर्ज पर पुन: उपयोगी यान का विकास कर रहा है। इससेे उपग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ा जा सकेगा। इसके बाद यह यान पुन: धरती पर लौट आएगा और उसका अन्य मिशनों में भी उसका उपयोग किया जा सकेगा। दरअसल अंतरिक्ष कार्यक्रमों में रॉकेटों पर भारी खर्च आता है। हर मिशन में रॉकेट नष्ट हो जाता है। आरएलवी से हर मिशन के लिए रॉकेट का बड़ा भाग दोबारा प्रयोग में लाया जा सकेगा, जिससे लागत घटेगी।
https://twitter.com/hashtag/Pushpak?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ के अनुसार इस रॉकेट का नाम रामायण में वर्णित ‘पुष्पक विमान’ से लिया गया है, जो धन के देवता कुबेर का वाहन था। इसे रावण ने छीन लिया था। यह विमान अपनी अद्भुत शक्तियों और सुंदरता के लिए जाना जाता था।
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चिनूक हेलिकॉप्टर से 4.5 किमी की ऊंचाई से किया गया ड्रॉप
10 साल से पुष्पक को बनाने में मेहनत कर रहे हैं वैज्ञानिक और इंजीनियर
6.5 मीटर लंबा हवाई जहाज जैसा रॉकेट 1.75 टन वजनी है
100 करोड़ रुपए सरकार ने खर्च किए हैं प्रोजेक्ट पर

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