ये है पूरा मामला
यचिकाकर्ता महिला अधिकारी को 2009 में सहायक कमांडेंट के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2015 में डिप्टी कमांडेंट और 2021 में कमांडेंट पद पर पदोन्नत किया गया। उन्होंने 2021 में कमांडिंग अधिकारियों से स्थायी कमीशन के लिए अनुरोध किया था। एक साल बाद उनका अनुरोध पत्र इस आधार पर बिना कार्रवाई लौटा दिया गया कि रक्षा मंत्रालय का 25 फरवरी, 2019 का पत्र आइसीजी पर लागू नहीं होता, जिसमें महिला अधिकारियों के स्थायी समावेशन के बारे में कहा गया था। इस मामले को उन्होंने हाईकोर्ट में उठाया, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।